
थीं कितनी दुश्वारियां
फूस की झोपड़ियों और कच्चे घरों में रहने वाली ग्रामीण आबादी के लिए रोजमर्रा की जिंदगी चुनौतियों से घिरी होती है. घोर सर्दी, गर्मी और बारिश फू की मार के अलावा रहन-सहन की ज्यादातर आदतें और सेहतमंद रहने के लिए जरूरी बातें उनके घर की बनावट से मेल नहीं खातीं: कमरों और रसोई में हवा के आने-जाने की जगह नहीं होती और शौचालय तो खैर होता ही नहीं. एनएफएचएस (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण) के 2016 के आंकड़ों के अनुसार, जब पीएमएवाइ-जी शुरू की गई थी, तब महज 56.3 फीसद खुशनसीब आबादी के पास पक्के मकान थे.
यूं आसान हुआ जीवन
गरीबों को आवास मुहैया कराने के लिए 1985 में इंदिरा आवास योजना शुरू की गई थी लेकिन 30 साल बाद भी इसमें बहुत सारी खामियां बनी हुई थीं. सरकार ने निर्णायक बदलाव की जरूरत को समझते अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाइ-जी) शुरू की.
Diese Geschichte stammt aus der February 05, 2025-Ausgabe von India Today Hindi.
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ऐशो-आराम की उभरती दुनिया
भारत का लग्जरी बाजार 17 अरब डॉलर (1.48 लाख करोड़ रुपए) का है जिसकी सालाना वृद्धि दर 30 फीसद है.

भारत की प्राचीन बौद्धिक ताकत
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में इस सत्र का बेसब्री का इंतजार किया जा रहा था और विलियम डेलरिम्पिल ने निराश भी नहीं किया.

असीम आकाश का सूरज
गए साल गर्मियों में सूर्यकुमार यादव ने बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल मैदान की सीमारेखा पर ऐसा करतब दिखाया जिसने फतह और मायूसी के बीच की बारीक-सी लकीर को बेध दिया.

मौन क्रांति की नींव
भारत लगातार आगे बढ़ रहा है लेकिन यह यात्रा देश के दूरदराज इलाकों बन रहे बुनियादे ढांचे के बिना मुमकिन नहीं हो सकती.

सबके लिए एआइ
टोबी वाल्श आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) को समझाने के लिए जिसे मिसाल बनाना पसंद करते हैं, वह है बिजली. यह सब जगह है, दूरदराज के कोनों में भी.

उथल-पुथल के दौर में व्यापार
बराबरी का टैरिफ लगाने की तलवार सिर पर लटकी होने से भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को पक्का करने में कोई वक्त नहीं गंवाया, जिसका लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 200 अरब डॉलर (17.4 लाख करोड़ रुपए) से बढ़ाकर दशक के अंत तक 500 अरब डॉलर (43.6 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाने का है.

चर्बी से यूं जीतें जंग
चिकित्सा अनुसंधानों से लगातार पता चल रहा है कि मोटापा केवल खूबसूरती का मसला नहीं.

रोबॉट के रास्ते आ रही क्रांति
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव एआइ की शक्ति से संचालित मानवाकार रोबॉट-स्पेसियो-और गार्डियो नाम के साइबर हाउंड्स के लाइव प्रदर्शन का गवाह बना.

देखभाल और विकल्प के बीच संतुलन की दरकार
हाल के सालों में सरगर्म बहस होती रही है कि स्वास्थ्य सेवाओं का ध्यान जिंदगियां बचाने पर होना चाहिए या जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने पर.

रूस की पाती
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि रूस यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में नई दिल्ली के कूटनीतिक संतुलन की सराहना करता है.