इसके कारण कई जगहों पर अराजकता की स्थिति फैल गई लेकिन अब भी दुनिया भर में इसे रोकने का कोई व्यावहारिक उपाय किसी के पास नहीं है। आखिर इसे पकड़ना कितना मुश्किल है, यह कितना खतरनाक हो गया है और इसका भविष्य क्या होगा? इन सभी मुद्दों पर आउटलुक के राजीव नयन चतुर्वेदी ने साइबर इंटेलिजेंस ग्लोबल एलएलपी के निदेशक विष्णु दत्त से बातचीत की। संपादित अंश:
आपकी कंपनी क्या करती है और आपके पास कैसे क्लाइंट आते हैं?
शुरुआत में डीपफेक का इस्तेमाल फाइनेंशियल फ्रॉड के लिए किया जाता था। अब हमारे पास क्लाइंट आते हैं कि यह फलां वीडियो है, जिसमें एक पुलिस वाला हमसे कुछ पैसों की मांग कर रहा है। हम ऐसे ही डीपफेक वीडियो को एनालाइज करते हैं और बताते हैं कि ये वीडियो सही है, फेक है या मॉर्ड है।
पता लगाने के लिए किन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं?
Diese Geschichte stammt aus der April 15, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
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