पंजाब में भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का गठबंधन सिरे नहीं चढ़ सका। 28 साल में पहली बार दोनों पार्टियां अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ रही हैं। इनके साथ ही सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के चुनाव में उतरने से मुकाबला चौकोणीय रहने के आसार हैं। आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी और शिअद के बगैर चुनाव में उतरने से भाजपा की राह आसान नहीं होगी। लेकिन पार्टी ऐसी तमाम चुनौतियों को पीछे छोड़ 400 पार का लक्ष्य हासिल करना चाहती है। यही वजह है कि छह लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में भाजपा ने दो कांग्रेस और एक आम आदमी पार्टी के बागी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
लगभग तीन दशक तक शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में रही भाजपा की आशा इस बार कांग्रेस और अकाली दल के बागियों पर टिकी हुई है। 2020 में किसान आंदोलन के समर्थन में एनडीए से नाता तोड़ने वाले शिरोमणि अकाली दल के भाजपा से गठजोड़ की कोशिश हुई थी, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से दो दौर की मुलाकात के बावजूद बातचित सिरे नहीं चढ़ सकी।
इस पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप बाजवा कहते हैं, “उधार के उम्मीदवार जुटा कर भाजपा 400 पार का नारा दे रही है। पंजाब में भाजपा और उसके नेताओं का कोई जनाधार नहीं है इसलिए उनका पूरा दारोमदार कांग्रेस छोड़ कर आए उम्मीदवारों पर है।”
2022 के विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर सिमट गए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भाजपा से गठबंधन न हो सकने के सवाल पर आउटलुक से कहा था, “कई मसलों पर मतभेद के कारण बात आगे नहीं बढ़ पाई। भाजपा नांदेड साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधन में हस्तक्षेप कर रही है। लेकिन श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के मामले में भाजपा की दखलंदाजी शिरोमणि अकाली दल को मंजूर नहीं है। फिर किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने से पीछे हटी भाजपा को समर्थन देने के बजाय हम पंजाब के किसानों के साथ खड़े हैं।”
Diese Geschichte stammt aus der April 29, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der April 29, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
हमेशा गूंजेगी आवाज
लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा
क्या है अमिताभ फिनामिना
एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।
सस्ती जान पर भारी पराली
पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी
विशेष दर्जे की आवाज
विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया
महान बनाने की कीमत
नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया
जलवायु नीतियों का भविष्य
राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम