गरीबों के नायक की सुध

अमिताभ बच्चन को हर जगह देखने वाली पीढ़ी को यकीन अ करना वाकई मुश्किल होगा कि 1980 के दशक में एक सांवला, दुबला-पतला लड़का भी लोकप्रिय कलाकार था। वह सर्दियों में रविवार की एक शाम थी, जब दिल्ली लिहाफ में ऊंघ रही थी और फीरोजशाह रोड के ली-मेरीडियन होटल में उंगलियों पर गिनने लायक पत्रकार जमा थे। एक उत्पाद लॉन्च होना था और अतिथि के रूप में मिठुन दा आए थे। बहुत औपचारिक माहौल में मिठुन चक्रवर्ती से एक पत्रकार ने झिझक कर सवाल किया, "आपको गरीबों का अमिताभ बच्चन कहा जाता है, आपको बुरा नहीं लगता?" सवाल में जितनी झिझक थी, जवाब उतना ही शानदार, "गरीबों का हीरो होना बुरी बात है क्या?" गरीब के इसी हीरो को फिल्मों के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार दादा साहब फाल्के से सम्मानित किया जा रहा है।
Diese Geschichte stammt aus der October 28, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
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