मशहूर टीवी व फिल्म अभिनेता ललित पारिमू वप परिचय के मुहताज नहीं हैं. उन्होंने 'मैला आंचल' से ले कर 'शक्तिमान' सहित कई सीरियलों में सशक्त किरदार निभा कर अपनी पहचान बनाई. इन दिनों ललित पारिमू कुलदीप कौशिक निर्देशित फिल्म 'नार का सुर' को ले कर चर्चा में हैं.
ललित पारिमू ने दूरदर्शन से अपने कैरियर से शुरुआत की. बातचीत के दौरान अपने जीवन में आए टर्निंग पौइंट्स के बारे में वे कहते हैं, "पहला टर्निंग पौइंट तो थिएटर से टीवी रहा. मैं ने कभी टीवी पर काम करने की नहीं सोची थी क्योंकि उन दिनों हम टीनऐजर के जो सपने थे उन में टीवी कहीं था ही नहीं. वैसे भी उस वक्त तक टीवी कम चर्चा में रहता था. सिर्फ दूरदर्शन हुआ करता था जिसे लोग समाचार जानने का माध्यम मानते थे. लेकिन टीवी के मनोरंजक कार्यक्रमों ने जल्द ही अपनी जगह बनाई और तमाम कलाकारों को अभिनय करने का मौका दिया तो मेरे कैरियर का यही पहला टर्निंग पौइंट रहा.
"दूसरा टर्निंग प्वाइंट तकनीकी परिवर्तन का रहा. पहले दूरदर्शन के सीरियल 'लो बैंड' पर फिल्माए जाते थे. फिर 'हाई बैंड' पर फिल्माए जाने लगे. फिर 'बीटा' पर शूट होने लगा. 1992 के बाद सैटेलाइट चैनल का दौर आ गया. अब तो डिजिटल का दौर आ गया."
तीसरा टर्निंग सीरियल 'शक्तिमान' से जुड़ना रहा. मुझे इस सीरियल में डाक्टर जैकाल के किरदार को निभाने के लिए सिर्फ 4 एपिसोड के लिए बुलाया गया था मगर पहले एपिसोड ने कुछ ऐसा धमाल मचाया कि निर्माता व निर्देशक सलाहमशवरा कर मेरे किरदार को 350 एपिसोड तक ले कर गए. चौथा टर्निंग प्वाइंट 'संशोधन' व 'हैदर' जैसी फिल्मों में अभिनय करना रहा. 5वां टर्निंग प्वाइंट ओओटी प्लेटफौर्म पर वैब सीरीज 'स्कैम 92' में अभिनय करना रहा. नैटफ्लिक्स की वैब सीरीज 'अरण्यक' की."
फिल्मों में आने तक के सफर के बारे में वे बताते हैं, “हम ने अभी हार्डकोर कमर्शियल फिल्में नहीं कीं. मुझे गोविंद निहलानी की 'संशोधन' या विशाल भारद्वाज की 'हैदर' जैसी कलात्मक फिल्में ही करने का अवसर दिया गया. इस की कई वजहें रहीं. हम टीवी के लिए हर माह 20 से 25 दिन शूटिंग कर रहे थे. ऐसे में टीवी से छुट्टी ले कर फिल्म निर्माता या निर्देशक के पास जा कर मिलने का वक्त नहीं मिल रहा था.
Diese Geschichte stammt aus der August II 2022-Ausgabe von Sarita.
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