
पूरे घर में अपने कमरे से हर किसी, खासतौर से युवाओं को जरूरत से ज्यादा लगाव होना कुदरती बात है. अपने कमरे के बाहर जिंदगी कई हिस्सों में बंटी रहती है जिस में कुछ दबाव भी होते हैं. लेकिन हम जब अपने कमरे में होते हैं तो इस छोटे से एरिया में बहुत बड़ी आजादी और सुकून का एहसास होता है. दीवाली का त्योहार साफसफाई के लिए भी मुफीद है जिस के बारे में कहा जा सकता है कि मौसम भी है, मौका भी है और दस्तूर भी है.
बारिश नमी छोड़ जाती है जिस से नजात पाने के लिए सर्दी की शुरुआत में ही कमरा साफ कर लेना एक अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी है. दीवाली के दिनों में हर कोई साफसफाई और रंगरोगन में व्यस्त रहता है तो आप क्यों चूकें? एक दिन अपने कमरे को दीजिए, उसे दिल से चमकाइए और सालभर का कूड़ाकरकट निकाल बाहर फेंकिए. यह बहुत आसान है और दिलचस्प भी कि अगर आप अपने तरीके से रहना पसंद करते हैं तो उसे संवारिए भी अपने ही तरीके से ताकि बाकी चमकते घर से आप का कमरा उन्नीस न लगे.
इस के लिए पहले तो अपने कमरे को चमकाने की जिम्मेदारी खुद लीजिए और फिर एक बार उस का बारीकी से मुआयना कर जुट जाइए कि क्याक्या करना है और कैसे करना है. आमतौर पर बैडरूम अब बहुत बड़े नहीं होते हैं, इन का औसत आकार 10x12 वर्ग फुट का होता है जिसे चमकाने में न ज्यादा लागत आती है और न ही मेहनत ज्यादा लगती है.
Diese Geschichte stammt aus der October Second 2022-Ausgabe von Sarita.
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