13 सितंबर, 2022, तेहरान की एक सड़क पर अपने भाई के साथ हंसती और बातें करती जा रही एक कुर्दिश महिला महसा अमीन को ईरान की मोरल पुलिस ने इस आरोप में गिरफ्तार कर लिया कि उस ने अपने सिर को हिजाब से ठीक तरीके से नहीं ढका था, उस के बाल हिजाब के बाहर दिख रहे थे. पुलिस महसा को वैन में बिठा कर ले गई. कुछ देर बाद महसा को कोमा की हालत में एक अस्पताल में भरती कराया गया जहां 3 दिनों बाद उस की मौत हो गई. सिर को हिजाब से न ढकने पर पुलिस ने महसा को इतनी यातना दी कि लड़की की मौत हो गई.
महसा की मौत ने ईरान समेत दुनिया के कई देशों में तूफान खड़ा कर दिया. औरत परदा करे या न करे, इस का फैसला सत्ता नहीं कर सकती, इस संदेश को सत्ता के सुन्न दिमाग तक पहुंचाने के लिए पिछले 3 महीने से हजारों की संख्या में ईरानी औरतें वहां की सड़कों पर हैं. वे हिजाब को परचम बना कर अपना विरोध प्रकट कर रही हैं. जगहजगह हिजाब की होली जला रही हैं. अपने केश कटवा रही हैं. खुलेसिर नारे लगा रही हैं और वह सबकुछ कर रही हैं जिसे रोकने के लिए ईरान की सरकार ने मोरल पुलिस का गठन कर रखा है.
महसा अमीन की मौत ने औरतों को जबरदस्त तरीके से उद्वेलित कर दिया. इस कदर उद्वेलित किया कि अब उन्हें किसी सजा का तो क्या, अपनी जान तक का खौफ नहीं है. उन के विरोध को सत्ता ने कठोरता से कुचलने की भरपूर कोशिश की. तीन महीने से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस घटना को अंतर्राष्ट्रीय चर्चा का विषय बनते देर नहीं लगी. दुनियाभर में ईरान सरकार और उस की मोरल पुलिस की निंदा की जा रही है. अमेरिका ने 23 सितंबर को ईरान की मोरल पुलिस 'गश्त-ए-इरशाद' को ब्लैक लिस्ट कर दिया. अमेरिकी टैजरी विभाग ने साफ कहा कि मोरैलिटी पुलिस महसा अमीन की मौत के लिए जिम्मेदार है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि सही तरीके से हिजाब न पहनने की वजह से पुलिस कस्टडी में महसा अमीन की मौत हो जाना मानव अधिकारों का बड़ा अपमान है. ईरान में महिलाओं को बिना किसी हिंसा और प्रताड़ना के खुद की पसंद से कपड़े पहनने का अधिकार होना चाहिए. अमेरिका सहित दुनिया के कई मुल्क इस वक्त ईरानी औरतों के विरोध प्रदर्शन में उन के साथ हैं.
Diese Geschichte stammt aus der December Second 2022-Ausgabe von Sarita.
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