उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक दारूलशफा नामक जगह है. पहले कभी यहां दवाखाना होता था. जब यहां राजधानी बनी तो विधायकों के रहने के लिए फ्लैट बनाए गए. इस का नाम दारूलशफा विधायक निवास हो गया. एक समय में इसी के आसपास पार्टी औफिस होते थे. अभी भी भाजपा, लोकदल और कम्यूनिस्ट पार्टी के औफिस यहीं थे.
पास में विधानभवन था तो विधायकों को वहां आनेजाने के लिए किसी तरह के वाहन की जरूरत नहीं होती थी. विधायक पैदल ही विधानसभा चले जाते थे. इसी के कुछ हिस्से को ले कर लोकभवन बन गया है. अब लखनऊ में कई और विधायक निवास यहां से दूर बन गए हैं. इस के बाद भी जो रौनक यहां होती है वह कहीं और नहीं होती.
दारूलशफा में तमाम कपड़ों की दुकाने हैं जिन में कुर्ता, पाजामा, सदरी, टोपी और गमछा मिलते हैं. जो युवा राजनीति में नए होते हैं वे यहां 15 सौ रुपए से ले कर 25 सौ रुपए खर्च कर के अपने लिए नेताओं वाली पोशाक ले सकते हैं, दारूलशफा आ कर तत्काल रैडीमेड नेता बन सकते हैं. जिन लोगों को सही तरह से राजनीति करनी होती है उन के लिए इस पोशाक के साथसाथ जरूरी होता है कि वे गंभीरता के साथ इधर बढ़ें. नेताओं को देखें, उन से सीखें. विचारों को पढ़ें और उन को सही तरह से कहने का सलीका भी सीखें.
राजनीति में कैरियर बनाने जा रहे हैं तो पूरी तैयारी के साथ जाएं. केवल जिंदाबादमुर्दाबाद के नारे लगाने या किसी नेता के पीछे घूमनेटहलने से राजनीति में लंबा कैरियर नहीं बन सकता. बड़े नेताओं के आचारव्यवहार, बोलने के ढंग और काम करने की क्षमता को देख कर भी बहुतकुछ सीख सकते हैं. जिस तरह से एक सफल वकील बनने या आईएएस/पीसीएस बनने में लंबा समय लगता है वैसे ही यहां भी होता है.
अपने को इतना काबिल बना कर रखिए कि जब अवसर मिले तो उस का लाभ उठा सकें. आप जिस प्रोफैशन में हो वहां रह कर भी राजनीति में जा सकते हैं. वहां आप अपनी पहचान बना कर रखें. राजनीति में ऊंची छलांग लगाने लायक क्षमता हो आप के पास ताकि जैसे ही मौका मिले, तुरंत सफलता की सीढ़ियां चढ़ जाएं.
Diese Geschichte stammt aus der July Second 2023-Ausgabe von Sarita.
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