प्रेम न माने हार
Sarita|August Second 2023
प्यार में इतनी ताकत होती है कि बड़ी से बड़ी मुसीबत भी प्यार करने वाले पार कर जाते हैं. अरुंधति ने अनुराग का हाथ थामा था जिंदगीभर के लिए, बीच रास्ते में छोड़ने के लिए नहीं. अरुंधति की इसी जिद ने उसे आज कहां से कहां पहुंचा दिया था.
गीता चौबे गूंज
प्रेम न माने हार

"अरु के पापा, डोरबेल बज रही है. जरा दरवाजा खोल दीजिए. अरु आई होगी. मैं उस की पसंद के प्याजी परांठे बना रही हूं," कह कर शोभा जल्दीजल्दी बेलन चलाने लगी.

आज सुबह ही मांबेटी में अनुराग को ले कर जबरदस्त नोकझोंक हुई थी और अरु बिना कुछ खाए ही निकल गई थी.

'अपना मनपसंद परांठा देख कर सारा गुस्सा उड़नछू हो जाएगा उस का...' शोभा मन ही मन सोच कर खुश हो रही थी. पति का कोई उत्तर न पा कर स्वयं ही चली आई दरवाजा खोलने.

'छन्नाक...' हाथ का छनौटा छूट कर दूर जा गिरा.

अरुंधति और अनुराग वरमाला पहने हुए दरवाजे पर खड़े थे. अरु के पापा मुंह फाड़े किंकर्तव्यविमूढ़ खड़े थे.

'छन्नाक' की आवाज से जैसे ही उन की तंद्रा भंग हुई तो दहाड़ उठे, “इतनी हिम्मत कैसे हो गई तुम दोनों की? उस पर बेशर्मी यह कि मुंह उठाए घर चले आए." 

फिर अरुंधति को झिंझोड़ते हुए कहा, “तुम ने सोच भी कैसे लिया कि तुम सीधे शादी कर के आओगी और मैं तुम्हें अपना लूंगा. इस फटीचर अनुराग के लिए कोई जगह नहीं है मेरे घर में." 

“मैं ने कहा था न अनुराग कि इस घर में भावनाओं का कोई महत्त्व नहीं है. तुम्हें ही आशीर्वाद लेने का बहुत शौक था. अब और बेइज्जती सहन नहीं कर सकती मैं," अनुराग का हाथ पकड़ कर लगभग घसीटती हुई अरुंधति तीर की भांति निकल गई.

शोभा जड़वत खड़ी ही रह गई. इतना बड़ा तूफान आ कर चला गया और वह कुछ कर न पाई.

"अरु, हमारा प्रेम विवाह सफल तो होगा न?" अनुराग ने कार में बैठते हुए अरुंधति का हाथ अपने हाथों में ले कर कहा.

“ऐसा क्यों कह रहे हो, अनुराग? क्या तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं या अपनेआप पर?"

"क्यों न कहूं, तुम अमीर घराने में सारी सुखसुविधाओं में पलीबढ़ी मांबाप की इकलौती संतान हो और मैं बचपन से ही अभावों से घिरा आर्थिक चक्रव्यूह में फंसा किसी तरह पढ़ाई पूरी करने की कोशिश कर रहा हूं."

Diese Geschichte stammt aus der August Second 2023-Ausgabe von Sarita.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der August Second 2023-Ausgabe von Sarita.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS SARITAAlle anzeigen
कंगाली और गृहयुद्ध के मुहाने पर बौलीवुड
Sarita

कंगाली और गृहयुद्ध के मुहाने पर बौलीवुड

बौलीवुड के हालात अब बदतर होते जा रहे हैं. फिल्में पूरी तरह से कौर्पोरेट के हाथों में हैं जहां स्क्रिप्ट, कलाकार, लेखक व दर्शक गौण हो गए हैं और मार्केट पहले स्थान पर है. यह कहना शायद गलत न होगा कि अब बौलीवुड कंगाली और गृहयुद्ध की ओर अग्रसर है.

time-read
10 Minuten  |
November First 2024
बीमार व्यक्ति से मिलने जाएं तो कैसा बरताव करें
Sarita

बीमार व्यक्ति से मिलने जाएं तो कैसा बरताव करें

अकसर अपने बीमार परिजनों से मिलने जाते समय लोग ऐसी हरकतें कर या बातें कह देते हैं जिस से सकारात्मकता की जगह नकारात्मकता हावी हो जाती है और माहौल खराब हो जाता है. जानिए ऐसे मौके पर सही बरताव करने का तरीका.

time-read
4 Minuten  |
November First 2024
उतरन
Sarita

उतरन

कोई जिंदगीभर उतरन पहनती रही तो किसी को उतरन के साथ शेष जिंदगी गुजारनी है, यह समय का चक्र है या दौलत की ताकत.

time-read
10+ Minuten  |
November First 2024
युवतियां ब्रेकअप से कैसे उबरें
Sarita

युवतियां ब्रेकअप से कैसे उबरें

ब्रेकअप के बाद सब का अपना अलग हीलिंग प्रोसैस होता है लेकिन खुद से प्यार करना और समय देना सब से जरूरी होता है.

time-read
4 Minuten  |
November First 2024
इकलौते बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटैक्ट करना ठीक नहीं
Sarita

इकलौते बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटैक्ट करना ठीक नहीं

जिन परिवारों में इकलौता बच्चा होता है वे बच्चे की सुरक्षा के प्रति बहुत सजग रहते हैं. उसे हर वक्त अपनी निगरानी में रखते हैं. लेकिन बच्चे की अत्यधिक सुरक्षा उस के भविष्य और कैरियर को तबाह कर सकती है.

time-read
7 Minuten  |
November First 2024
मेले मामा चाचू बूआ की शादी में जलूल आना
Sarita

मेले मामा चाचू बूआ की शादी में जलूल आना

शादी कार्ड में जिन के द्वारा लिखवाया गया होता है कि 'मेले मामा/चाचू की शादी में जलूल आना' उन प्यारेप्यारे बच्चों के लिए सब से बड़ी सजा हो जाती है कि वे देररात तक जाग सकते नहीं.

time-read
4 Minuten  |
November First 2024
गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं
Sarita

गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं

महिलाएं बड़ी बड़ी बाधाएं पार कर उस मुकाम पर पहुंची हैं जहां उन का अपना अलग अस्तित्व, पहचान और स्वाभिमान वगैरह होते हैं. ऐसा आजादी के तुरंत बाद नेहरू सरकार के बनाए कानूनों के अलावा शिक्षा और जागरूकता के चलते संभव हो पाया. महिलाओं ने अब इस बात से साफ इनकार कर दिया कि वे सिर्फ बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं बने रहना चाहती हैं.

time-read
7 Minuten  |
November First 2024
सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर
Sarita

सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर

वाराणसी के हिंदू मंदिरों से सांईं बाबा की मूर्तियों को हटाने की सनातनी मुहिम फुस हो कर रह गई है तो इस की अहम वजह यह है कि हिंदू ही इस मसले पर दोफाड़ हैं. लेकिन इस से भी बड़ी वजह पंडेपुजारियों का इस में ज्यादा दिलचस्पी न लेना रही क्योंकि उन की दक्षिणा मारी जा रही थी.

time-read
10 Minuten  |
November First 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5

1990 के बाद का दौर भारत में भारी उथलपुथल भरा रहा. एक तरफ नई आर्थिक नीतियों ने कौर्पोरेट को नई जान दी, दूसरी तरफ धर्म का बोलबाला अपनी ऊंचाइयों पर था. धार्मिक और आर्थिक इन बदलावों ने भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया, जिस का असर संसद पर भी पड़ा.

time-read
10 Minuten  |
November First 2024
न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी
Sarita

न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी

भावनात्मक तौर पर 'न्याय की देवी' के भाव बदलने की सीजेआई की कोशिश अच्छी है, लेकिन व्यवहार में इस देश में निष्पक्ष और त्वरित न्याय मिलने व कानून के प्रभावी अनुपालन की कहानी बहुत आश्वस्त करने वाली नहीं है.

time-read
6 Minuten  |
November First 2024