धर्म के राज में पिछड़ों, दलितों और मुसलमानों का कोई स्थान नहीं
Sarita|July First 2024
प्रकृति संतुलन बनाना जानती है. संतुलन और सब की भागीदारी ही लोकतंत्र के शासन को सफल बनाती है. अब जबकि लोकसभा चुनाव के बाद देश की राजनीति कुछ संतुलित सी नजर आती है, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों और महिलाओं को संघ और भाजपा की साजिशों से मुक्त होने के लिए मजबूत प्रयास करने होंगे.
नसीम अंसारी कोचर
धर्म के राज में पिछड़ों, दलितों और मुसलमानों का कोई स्थान नहीं

लोकसभा चुनाव 2024 के जनादेश ने संघ और भाजपा के हिंदू राष्ट्र के सपने को तोड़ दिया है. जनता ने साफ कर दिया है कि उस को विकास चाहिए, पहले अपना फिर देश का. भाजपा के रामराज, हिंदू-राज जैसे नारों का एक बहुत बड़े तबके पर कोई असर नहीं हुआ, बल्कि इस तरह के नारों ने उसे सजग जरूर कर दिया कि उसे हजार साल आगे की तरफ देखना है, न कि पांच हजार साल पीछे जाना है, जैसा कि संघ और भाजपा की नीयत है. संघ और भाजपा का हिंदू राष्ट्र बनाने का एक ही मकसद है- मनुस्मृति की वर्णव्यवस्था को लागू करना, जिस में महिलाओं, आदिवासियों और दलितों-पिछड़ों को फिर से ब्राह्मण जाति के हुक्म का गुलाम बनाया जाए. उन की सेवाएं ली जाएं और उनसे वे सारे अधिकार छीन लिए जाएं जो बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित संविधान के जरिए भारत में रहने वालों को दिए गए हैं. जनता समझ गई कि अगर भाजपा के पास बहुमत आया तो अगले 5 वर्षों में संविधान को पूरी तरह समाप्त कर देश में तानाशाही कायम कर दी जाएगी. इस अंदेशे को कई राजनीतिक पार्टियों ने भी चुनावप्रचार के दौरान जाहिर किया.

अकेले दम पर केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा को 272 सीटों की जरूरत थी, मगर उस की मंशा से नाराज जनता ने उसे 240 पर ही रोक दिया. एनडीए गठबंधन को मिला कर भी 300 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाए. ऐसे में सपना तो टूटा ही, पैरों के नीचे से सत्ता खिसकने का खतरा भी पैदा हो गया. सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा को आखिरकार गठबंधन के उन दलों की मानमनौवल करनी पड़ी जो दलितों, मुसलमानों और पिछड़ों की राजनीति करते आए हैं. जनता दल यूनाइटेड और तेलुगूदेशम पार्टी सरीखे दलों की बैसाखियों के सहारे आखिरकार एनडीए गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश कर पाया और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुरसी पर बैठने लायक हो सके.

Diese Geschichte stammt aus der July First 2024-Ausgabe von Sarita.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der July First 2024-Ausgabe von Sarita.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS SARITAAlle anzeigen
"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली
Sarita

"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली

'एफआईआर', 'भाभीजी घर पर हैं', 'हप्पू की उलटन पलटन' जैसे टौप कौमेडी फैमिली शोज की निर्माता बिनायफर कोहली अपने शोज के माध्यम से महिला सशक्तीकरण का संदेश देने में यकीन रखती हैं. वह अपने शोज की महिला किरदारों को गृहणी की जगह वर्किंग और तेजतर्रार दिखाती हैं, ताकि आज की जनरेशन कनैक्ट हो सके.

time-read
3 Minuten  |
November Second 2024
पतिपत्नी के रिश्ते में बदसूरत मोड़ क्यों
Sarita

पतिपत्नी के रिश्ते में बदसूरत मोड़ क्यों

पतिपत्नी के रिश्ते के माने अब सिर्फ इतने भर नहीं रह गए हैं कि पति कमाए और पत्नी घर चलाए. अब दोनों को ही कमाना और घर चलाना पड़ रहा है जो सलीके से हंसते खेलते चलता भी है. लेकिन दिक्कत तब खड़ी होती है जब कोई एक अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते अनुपयोगी हो कर भार बनने लगता है और अगर वह पति हो तो उस का प्रताड़ित किया जाना शुरू हो जाता है.

time-read
7 Minuten  |
November Second 2024
शादी से पहले बना लें अपना आशियाना
Sarita

शादी से पहले बना लें अपना आशियाना

कपल्स शादी से पहले कई तरह की प्लानिंग करते हैं लेकिन वे अपना अलग आशियाना बनाने के बारे में कोई प्लानिंग नहीं करते जिसका परिणाम कई बार रिश्तों में खटास और अलगाव के रूप में सामने आता है.

time-read
6 Minuten  |
November Second 2024
ओवरऐक्टिव ब्लैडर और मेनोपौज
Sarita

ओवरऐक्टिव ब्लैडर और मेनोपौज

बारबार पेशाब करने को मजबूर होना ओवरऐक्टिव ब्लैडर होने का संकेत होता है. यह समस्या पुरुष और महिलाओं दोनों को हो सकती है. महिलाओं में तो ओएबी और मेनोपौज का कुछ संबंध भी होता है.

time-read
3 Minuten  |
November Second 2024
सामाजिक असमानता के लिए धर्म जिम्मेदार
Sarita

सामाजिक असमानता के लिए धर्म जिम्मेदार

सामाजिक असमानता के लिए धर्म जिम्मेदार है क्योंकि दान और पूजापाठ की व्यवस्था के साथ ही असमानता शुरू हो जाती है जो घर और कार्यस्थल तक बनी रहती है.

time-read
8 Minuten  |
November Second 2024
एमआरपी का भ्रमजाल
Sarita

एमआरपी का भ्रमजाल

एमआरपी तय करने का कोई कठोर नियम नहीं होता. कंपनियां इसे अपनी मरजी से तय करती हैं और इसे इतना ऊंचा रखती हैं कि खुदरा विक्रेताओं को भी अच्छा मुनाफा मिल सके.

time-read
4 Minuten  |
November Second 2024
कर्ज लेकर बादामशेक मत पियो
Sarita

कर्ज लेकर बादामशेक मत पियो

कहीं से कोई पैसा अचानक से मिल जाए या फिर व्यापार में कोई मुनाफा हो तो उन पैसों को घर में खर्चने के बजाय लोन उतारने में खर्च करें, ताकि लोन कुछ कम हो सके और इंट्रैस्ट भी कम देना पड़े.

time-read
6 Minuten  |
November Second 2024
कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमला भड़ास या साजिश
Sarita

कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमला भड़ास या साजिश

कनाडा के हिंदू मंदिरों पर कथित खालिस्तानी हमलों का इतिहास से गहरा नाता है जिसकी जड़ में धर्म और उस का उन्माद है. इस मामले में राजनीति को दोष दे कर पल्ला झाड़ने की कोशिश हकीकत पर परदा डालने की ही साजिश है जो पहले भी कभी इतिहास को बेपरदा होने से कभी रोक नहीं पाई.

time-read
10 Minuten  |
November Second 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा

2004 में कांग्रेस नेतृत्व वाली मिलीजुली यूपीए सरकार केंद्र की सत्ता में आई. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने अपने सहयोगियों के साथ संसद से सामाजिक सुधार के कई कानून पारित कराए, जिन का सीधा असर आम जनता पर पड़ा. बेलगाम करप्शन के आरोप यूपीए को 2014 के चुनाव में बुरी तरह ले डूबे.

time-read
6 Minuten  |
November Second 2024
अमेरिका अब चर्च का शिकंजा
Sarita

अमेरिका अब चर्च का शिकंजा

दुनियाभर के देश जिस तेजी से कट्टरपंथियों की गिरफ्त में आ रहे हैं वह उदारवादियों के लिए चिंता की बात है जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे ने और बढ़ा दिया है. डोनाल्ड ट्रंप की जीत दरअसल चर्चों और पादरियों की जीत है जिस की स्क्रिप्ट लंबे समय से लिखी जा रही थी. इसे विस्तार से पढ़िए पड़ताल करती इस रिपोर्ट में.

time-read
4 Minuten  |
November Second 2024