पंजाब के मोहाली के आसपास वाहन लूटने, चोरी और लूटपाट की वारदातों को हथियारों के दम पर एक गिरोह अंजाम दे रहा है. इस का अंदाजा पुलिस वालों को कुछ दिनों से था लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी यह गिरोह उन की पकड़ से दूर था. इस गिरोह के सदस्यों को दबोचने के लिए पुलिस जीजान से दिनरात एक किए हुए थी. बीती 20 जुलाई तक पुलिस के पास इतनी जानकारी भर थी कि इस गिरोह के सदस्य आमतौर पर हाईवे पर वाहन लूटने के बाद फर्जी नंबरप्लेट का इस्तेमाल कर उसे बेच देते हैं.
देशभर में ऐसी सैकड़ों वारदातें रोज होती रहती हैं. कई में अपराधी पकड़े भी जाते हैं और उन्हें सजा भी होती है. सजा भुगतने के बाद कितने मुजरिम सही रास्ता पकड़ते हैं और कितने दोबारा जुर्म में लग जाते हैं, इस का आंकड़ा किसी के पास नहीं लेकिन यह मामला कई मानो में आम वारदातों से हट कर है और इस पर हर किसी को चिंता होनी चाहिए क्योंकि इस में सरकार का एक नादानीभरा फैसला भी न केवल शामिल है बल्कि एक हद तक जिम्मेदार भी है. कैसे, इसे समझने से पहले थोड़े से में एक पौराणिक कहानी को समझना जरूरी है.
एक समय में भस्मासुर नाम के एक राक्षस ने शिव की घनघोर तपस्या कर उन्हें प्रसन्न कर लिया तो शिव ने उसे मनचाहा वर मांगने को कहा. भस्मासुर ने कहा, 'प्रभु, मुझे ऐसा वर दो कि जिस किसी के भी सिर पर मैं हाथ रखूं वह जल कर भस्म हो जाए.' ऐसा खतरनाक वर दे दिया तो उस का अंजाम क्या होगा, यह शिव ने नहीं सोचा. अब भस्मासुर की मौज ही मौज थी. वह जिस के सिर पर हाथ रख देता वह वहीं भस्म हो कर मर जाता था.
वह समाज और लोगों के लिए खतरा बनने लगा तो उसे खत्म करने के लिए विष्णु ने सुंदर औरत का रूप धरा और दूर से भस्मासुर के सामने नाचने लगे. सुंदर महिला पर मोहित भस्मासुर भी उन की कौपी करने लगा. इसी दौरान मौका देख सुंदर औरत बने विष्णु ने अपने सिर पर हाथ रखा तो भस्मासुर ने भी वैसा ही किया यानी अपने सिर पर हाथ रख लिया और खुद को ही भस्म कर डाला. इस पौराणिक कहानी को लोग तरहतरह से कहतेसुनते हैं. मसलन, वरदान मिलते ही भस्मासुर ने पहला प्रयोग शिव पर ही करने की ठान ली और वह उन के पीछे दौड़ा तो शिव घबरा गए और जान बचाने के लिए भागते भागते एक गुफा में छिप गए तब विष्णु ने उन्हें बचाने के लिए सुंदर स्त्री का रूप धरा और उस का खात्मा किया.
Diese Geschichte stammt aus der August Second 2024-Ausgabe von Sarita.
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