
एक ने कहा कि महिलाएं ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करें तो दूसरे ने झट से इस ज्यादा की हद भी बता दी कि न्यू कपल्स 16 बच्चे पैदा करें. इन दोनों में मुकम्मल राजनीतिक और वैचारिक मतभेद हैं. लेकिन आबादी बढ़ाने यानी औरतों के ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने के मसले पर दोनों एक हैं. जो ज्ञान धर्मगुरु और कट्टर हिंदूवादी संगठन अकसर देते रहते हैं उसे क्यों आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन बांट रहे हैं, इस सवाल के जवाब में जो तसवीर हालफिलहाल उभर कर सामने आ रही है वह सियासी है कि ऐसी अपीलें परिसीमन के चलते की जा रही हैं, जिस के तहत दक्षिणी राज्यों में लोकसभा की सीटें घट जाएंगी जबकि उत्तरी राज्यों में बढ़ जाएंगी.
यह बात आंकड़े दे कर गिनाई भी जा रही है जबकि उलट इस के, सनातन धर्म के ठेकेदार आम हिंदुओं को यह कहते डराते रहते हैं कि मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है और वह बहुत जल्द 30-40 फीसदी हो जाएगी जिस के दम पर वे सत्ता पर काबिज हो कर देश को इसलामिक राष्ट्र बना देंगे और तुम्हारे मंदिरों के साथसाथ बहनबेटियों की आबरू भी लूटेंगे, सनातन धर्म और संस्कृति नष्टभ्रष्ट कर देंगे. नायडू और स्टालिन ने किसी को डराया नहीं है क्योंकि उन का एजेंडा राजनीतिक है, धार्मिक नहीं. यानी, कारण अलगअलग हैं, परिणाम एक ही है तो बात कुछकुछ ऐसी ही है कि छुरी तरबूज पर गिरे या तरबूज छुरी पर, कटना तो तरबूज को ही है.
जाहिर है, अगर ऐसा हुआ (हालांकि जिस का होना अब नामुमकिन है) तो नुकसान सिर्फ और सिर्फ औरतों का होना है जिन्हें एक बार फिर बच्चा पैदा करने की मशीन से ज्यादा कुछ नहीं समझा जा रहा. धर्म के ठेकेदारों की तरह इन दोनों नेताओं की भी कथनी और करनी में फर्क साफ दिख रहा है. चंद्रबाबू नायडू का एक ही बेटा लोकेश है और एम के स्टालिन की सिर्फ 2 ही संतानें, बेटा उदयनिधि स्टालिन और बेटी सेन्थराई सुबरिशन हैं. ये दोनों शहीद तो पैदा हो लेकिन पड़ोसी के यहां होने वाले मुहावरे को चरितार्थ कर रहे हैं.
Diese Geschichte stammt aus der November First 2024-Ausgabe von Sarita.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der November First 2024-Ausgabe von Sarita.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden

भाभी, न मत कहना
सुवित को अपने सामने देख समीरा के होश उड़ गए. अपने दिल को संभालना मुश्किल हो रहा था उस के लिए. वक्त कैसा खेल खेल रहा था उस के साथ?

शादी से पहले जब न रहे मंगेतर
शादी से पहले यदि किसी लड़की या लड़के की अचानक मृत्यु हो जाए तो परिवार वालों से अधिक ट्रौमा उस के पार्टनर को झेलना पड़ता है, उसे गहरा आघात लगता है. ऐसे में कैसे डील करें.

पति की कमाई पर पत्नी का कितना हक
पति और पत्नी के बीच कमाई व खर्चों को ले कर कलह जब हद से गुजरने लगती है तो नतीजे किसी के हक में अच्छे नहीं निकलते. बात तब ज्यादा बिगड़ती है जब पति अपने घर वालों पर खर्च करने लगता है. ऐसे में क्या पत्नी को उसे रोकना चाहिए?

अमीरों के संरक्षण व संवर्धन की अभिनव योजना
गरीबों के लिए तो सरकार कई योजनाएं बनाती है लेकिन गरीबों का उद्धार करने वाले अमीरों को क्यों वंचित किया जाए उन के लग्जरी जीवन को और बेहतर बनाने से. समानता का अधिकार तो भई सभी वर्गो के लिए होना चाहिए.

अब वक्फ संपत्तियों पर गिद्ध नजर
मुसलिम समाज के पास कितनी वक्फ संपत्ति है और उसे किस तरह उस से छीना जाए, मसजिदों पर पंडों पुजारियों को कैसे बिठाया जाए, इस को ले कर लंबे समय से कवायद जारी है. इस के लिए एक्ट में संशोधन के बहाने भाजपा नेता जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता में जौइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का गठन किया गया, जिस में दिखाने के लिए कुछ मुसलिम नेता तो शामिल किए गए लेकिन उन के सुझावों या आपत्तियों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

घर में ही सब से ज्यादा असुरक्षित हैं औरतें
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट यह स्पष्ट रूप से बताती है कि महिलाओं के लिए घर ही सब से असुरक्षित स्थान बन चुका है. इस असुरक्षा का समाधान समाज और सरकार की ओर से समग्र दृष्टिकोण अपनाने से ही संभव हो सकता है.

मेहमान बनें बोझ नहीं
घर में मेहमान आते हैं तो चहलपहल बनी रहती है. लेकिन मेहमान अगर मेहमाननवाजी कराने के लिए आएं तो मेजबान के पसीने छूट जाते हैं और उसे चिड़चिड़ाहट होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि मेहमान कुछ एथिक्स का ध्यान रखें.

कहां जाता है दान का पैसा
उज्जैन के महाकाल मंदिर दर्शन घोटाले की एफआईआर अभी दर्ज ही हो रही थी कि नई सनसनी वृंदावन के इस्कौन मंदिर से आई कि वहां भी एक सेवादार करोड़ों का चूना लगा कर भाग गया. ऐसी खबरें हर उस मंदिर से आएदिन आती रहती हैं जहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. जाहिर है, यह भीड़ भगवान को पैसा चढ़ाने ही आती है जिसे मंदिर के सेवादार झटक लें तो हैरानी किस बात की.

मुफ्त में मनोरंजन अफीम की लत या सिनेमा की फजीहत
बौलीवुड की अधिकतर फिल्में बौक्स ऑफिस पर लगातार असफल हो रही हैं. ऐसा क्यों हो रहा है, इस पर विचार करने की जगह यह इंडस्ट्री चुनावी नेताओं की तरह बीचबीच में फ्रीबीज की घोषणा कर देती है. इस से हालात क्या सुधर सकते हैं?

जिंदगी अभी बाकी है
जीवन का सफर हर मोड़ पर नए अनुभव और सीखने का मौका देता है. पार्टनर का साथ नहीं रहा, बढ़ती उम्र है, लेकिन जिंदगी खत्म तो नहीं हुई न. इस दौर में भी हर दिन एक नई उमंग और आनंद से जीने की संभावनाएं हैं.