म्युचुअल फंडों (एमएफ) ने 2022 में नवंबर तक नई फंड पेशकशों (एनएफओ) के जरिये 53,700 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि 2021 के पूरे वर्ष में यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये था। 2021 के मुकाबले इस साल ज्यादा संख्या में योजनाएं पेश किए जाने के बावजूद यह कोष उगाही कमजोर बनी हुई है।
उद्योग के जानकारों ने इस साल कम निवेश के लिए लोकप्रिय श्रेणियों में पेशकशों के अभाव को जिम्मेदार बताया है। सामान्य तौर पर, लोकप्रिय श्रेणियों में पेश किए जाने वाले एनएफओ ही अच्छी कमाई में सफल होते हैं। उदाहरण के लिए, 2021 में प्रमुख पांच में से तीन एनएफओ प्रख्यात दो फंड हाउसों एसबीआई एमएफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ से थे। ये तीन पेशकशें बैलेंस्ड एडवांटेज, फ्लेक्सीकैप और मल्टीकैप जैसी लोकप्रिय श्रेणियों में थीं।
Diese Geschichte stammt aus der December 21, 2022-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der December 21, 2022-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
रुपया सात पैसे और टूटा
रुपया गिरकर गुरुवार को नए निचले स्तर प्रति डॉलर 85.27 पर पहुंच गया। डीलरों के मुताबिक डॉलर सूचकांक के मजूबत होने और महीने के अंत में आयातकों की तरफ से डॉलर की मांग बढ़ने से रुपये में गिरावट आई।
डेरिवेटिव कारोबार पर बड़ी चोट
दिसंबर में 37 फीसदी घटा कारोबार, ट्रेडिंग के सख्त नियमों से सटोरिया गतिविधियां कम करने में मदद मिली
मैनकाइंड का चीनी फर्म संग करार
इम्यूनोथेरेपी ड्रग को डीसीजीआई से मंजूरी मिलने के बाद 3 साल में पेश करने की संभावना
पांच साल में 5 लाख नौकरियां देगा टाटा
एन चंद्रशेखरन का कर्मियों को पत्र
फिर 10 मिनट में खाना पहुंचा रहीं कंपनियां
सुविधा की मांग बढ़ने के साथ ही पिछले साल इंस्टेंट फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्मों ने जिस सुविधा को बंद या कम कर दिया था, उन्हें इस साल इसमें सफलता मिल रही है
बिना रेहन वाले कर्ज पर किया आगाह
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डूबते ऋण पर बैंकों को आगाह करते हुए कहा है कि रेहन के बगैर दिए जा रहे ऋण पर अधिक नजर रखने की जरूरत है। आरबीआई ने देश में बैंकिंग क्षेत्र के रुझान पर जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘ट्रेंड्स ऐंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग इन इंडिया 2023-24’ में कहा कि अधिक चूक और उठाव के कारण बिना रेहन वाले ऋण पर निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता है। आरबीआई ने ऋणदाताओं और निजी क्रेडिट फर्मों के बीच के संबंधों पर बारीकी से नजर रखने का भी सुझाव दिया।
केन-बेतवा रिवर लिंक का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में एक समारोह के दौरान केन-बेतवा रिवर लिंक परियोजना का शिलान्यास किया।
आप सरकार की योजनाओं से अधिकारियों ने बनाई दूरी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा हाल में घोषित दो प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं पर सियासी बवाल मच गया है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष आवास बाजार का बढ़ता दायरा
भारत में संपन्न वरिष्ठ नागरिकों की आबादी की तादाद अच्छी खासी है जो रिटायरमेंट के बाद जिंदगी को बेहतर और स्वतंत्र तरीके से बिताना चाहते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में कारोबार के लिए अच्छी संभावनाएं बन रही हैं।
प्रौद्योगिकी से बुजुर्गों की देखभाल
भारत की बढ़ती आबादी के साथ परिवारों और स्वास्थ्य सेवा उद्योग के लिए बुजुर्गों की देखभाल जरूरी होती जा रही है।