शीर्ष अदालत ने सुनाया फैसला
■ जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द हो बहाल
■ 30 सितंबर, 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने के निर्देश
उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों के संविधान पीठ ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को सर्वसम्मति से सही ठहराया। अदालत ने 2019 में जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के कानून की वैधता पर फैसला नहीं दिया। इसके साथ ही अदालत ने जम्मू कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करने का आदेश दिया। अदालत ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने के निर्देश भी दिए।
भारतीय संविधान में 17 अक्टूबर, 1949 को एक खास नियम अनुच्छेद 370 को जोड़ा गया था, जिसके कारण जम्मू कश्मीर को भारत के बाकी राज्यों की तुलना में कुछ खास छूट मिली थी। इस नियम के तहत जम्मू कश्मीर अपना अलग संविधान बना सकता था और अपना झंडा भी रख सकता था। इस अनुच्छेद के चलते भारत की संसद को जम्मू कश्मीर के लिए कानून बनाने के अधिकार भी सीमित थे। देश के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायाधीश संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बी.आर. गवई और सूर्य कांत ने सरकार के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के फैसले को बरकरार रखा। उन्होंने कहा कि राज्य में युद्ध की स्थिति के कारण यह अनुच्छेद एक ‘अस्थायी प्रावधान’ था।
Diese Geschichte stammt aus der December 12, 2023-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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