आजकल कई लोग अपने निवेश पोर्टफोलियो का जायजा साल में एक बार जरूर लेते हैं मगर बीमा पॉलिसियों और उनकी कवरेज पर इस तरह की नजर बहुत कम लोग रखते हैं। हकीकत में ऐसी लापरवाही काफी भारी पड़ सकती है। खास तौर पर दो बातों पर तो नजर जरूर रखनी चाहि। सबसे पहले यह देख लीजिए कि आपकी बीमा पॉलिसी जितनी रकम का कवरेज अभी आपको देती हैं, वह आपके लिए काफी है या नहीं। दूसरी बात, यह भी देखिए कि पुरानी बीमा पॉलिसी छोड़कर नए और बेहतर फीचरों वाली नई बीमा पॉलिसी चुनना आपके लिए फायदेमंद रहेगा या नहीं।
टर्म बीमा
आपके लिए टर्म बीमा के कवर में इजाफा करना चार सूरतों में अच्छा रहता है। पहला, अगर शादी या बच्चे के जन्म के कारण आपके ऊपर आश्रित लोगों की संख्या बढ़ जाए। दूसरा, अगर आवास ऋण जैसी देनदारी आपके ऊपर चढ़ जाएं और तीसरा, अगर मौजूदा लक्ष्य के लिए वित्तीय जरूरत में ज्यादा इजाफा हो जाए।
अरविंद राव ऐंड एसोसिएट्स के संस्थापक अरविंद राव कहते हैं, ‘हो सकता है कि आपकी संतान पहले भारत के भीतर ही उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहती हो मगर अब वह विदेशी विश्वविद्यालय में जाना चाहती हो। अगर इस नए लक्ष्य के लिए कर्ज लेने की जरूरत हो तो कर्ज के साथ आपको बीमा कवरेज भी बढ़ाना चाहिए।’ सेक्योरनाउ इंश्योरेंस ब्रोकर के सह-संस्थापक कपिल मेहता के हिसाब से चौथी स्थिति पारिवारिक आय में बढ़ोतरी होती है, जिसके कारण जीवन शैली बदल जाती है। उस स्थिति में बीमा कवरेज भी बढ़ाया जाना चाहिए ताकि घर चलाने वाला नहीं रहे तब भी उसके परिवार को जीवनशैली बदलने के लिए मजबूर नहीं होना पड़े।
Diese Geschichte stammt aus der April 12, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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