पीएसयू शेयरों पर नजर
■ विश्लेषकों की राय में यह धारणा गलत कि गठबंधन सरकार से पीएसयू की वृद्धि रुक जाती है
■ सुधारों में धीमापन आया तो प्रीमियम मूल्यांकन में बढ़ोतरी रहेगी सीमित
■ पूंजीगत व्यय पर सरकार के ध्यान केंद्रित करने से पीएसयू शेयरों को मिलता रहेगा सहारा
विश्लेषकों का कहना है कि 4 जून को लोक सभा के नतीजों में सरकार को कम जनादेश मिलने पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के शेयरों में आई गिरावट के बाद उन्हें निचले स्तरों पर खरीदा जाना चाहिए।
उनका तर्क है कि पूंजीगत व्यय पर सरकार के ध्यान केंद्रित करने का मुख्य लाभ इन शेयरों को मिलता रहेगा। रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्र ने कहा 'बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और रक्षा परियोजनाओं में बड़े निवेश ने राजस्व प्रवाह में वृद्धि करते हुए पीएसयू के लिए ऑर्डर के प्रस्ताव बढ़ा दिए हैं। इसके अलावा पीएसयू ने स्थिर आय वृद्धि, निरंतर लाभांश भुगतान का प्रदर्शन किया है और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रणनीतिक महत्व कायम रखा है, जिससे निवेशकों का विश्वास मजबूत होता है।'
Diese Geschichte stammt aus der June 15, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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'जेनको को सूचीबद्ध करें राज्य
देश के बिजली क्षेत्र में इस दशक में करीब 22 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत का हवाला देते हुए केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यों से अपनी लाभ वाली इकाइयों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने का अनुरोध किया है।
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सौदे की रकम का नहीं किया गया खुलासा
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गिरावट के बाद इंडसइंड कितना आकर्षक?
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई ने मंगलवार को निवेशकों के डीमैट खाते में प्रतिभूतियों को सीधे क्रेडिट करने की योजना वापस लेने की घोषणा की। इसे 11 नवंबर से प्रभावी हुई थी। एक्सचेंजों ने सूचित किया कि कुछ मामलों में उन्हें थोड़े विलंब का सामना करना पड़ा और इस वजह से सीधे क्रेडिट की सुविधा टालनी पड़ी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को \"अस्थिर गाड़ी\" करार देते हुए कहा यह कभी स्थिर सरकार नहीं दे सकती।
5 महीने के निचले स्तर के करीब निफ्टी
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