सटीक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने में फॉर्म 16 काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह फॉर्म नियोक्ता जारी करता है और इसमें बताया जाता है। कि उसने कितना कर यानी टीडीएस काटा है।
आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा कहते हैं, 'आयकर नियमों में नियम 31 के अनुसार नियोक्ताओं के लिए नए वित्त वर्ष के जून महीने में 15 तारीख तक पिछले वित्त वर्ष का फॉर्म 16 जारी करना जरूरी कर दिया गया है। इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 का फॉर्म 16 कर्मचारियों को अब तक मिल जाना चाहिए।'
फॉर्म 16 में वेतन से हुई आय, कर योग्य आय में कटौती और आयकर छूट का ब्योरा दिया जाता है। सुराणा का कहना है, 'आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 203 के तहत कहा गया है कि कर काटने वाले हर नियोक्ता के लिए अपने कर्मचारियों को काटी गई रकम, कर की दर, जमा करने की तारीख, वेतन आदि का विवरण एक सर्टिफिकेट में देना अनिवार्य है।' फॉर्म 16 के दो भाग होते हैं। पहले भाग में करदाता एवं नियोक्ता की जानकारी, सेवा अवधि और काटी गई रकम जैसा जरूरी ब्योरा होता है। दूसरे भाग में बताया जाता है कि नियोक्ता ने कर का हिसाब किस तरह लगाया है।
जांचें फॉर्म 16 का ब्योरा
Diese Geschichte stammt aus der June 18, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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