बोले डिप्टी गवर्नर
■ ये कंपनियां बैंकों एवं गैर-बैंकिंग कंपनियों और म्युचुअल फंडों की तरह अलग वजूद स्थापित नहीं कर पाई हैं
■ फिनटेक कंपनियों को नियामक से विधिवत लाइसेंस नहीं मिलता है और उनका नियमन भी नहीं हो रहा है
■ इस वजह से इन कंपनियों के लिए यह साबित करना और भी कठिन हो जाता है कि वे जिम्मेदारी से कारोबार कर रही हैं
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा है कि वित्त-तकनीक क्षेत्र की कंपनियां भरोसा जीतने वाली स्थिति में अभी तक नहीं पहुंच पाई हैं। शंकर ने कहा कि ये कंपनियां बैंकों एवं गैर-बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) और म्युचुअल फंडों की तरह अपना अलग वजूद स्थापित नहीं कर पाई हैं। शंकर ने गुरुवार को यहां ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि फिनटेक कंपनियों को नियामक से विधिवत लाइसेंस नहीं मिलता है और उनका नियमन भी नहीं हो रहा है। शंकर ने कहा कि इस वजह से इन कंपनियों के लिए यह साबित करना और भी कठिन हो जाता है कि वे जिम्मेदारी से कारोबार कर रही हैं और लोगों का भरोसा हासिल कर रही हैं।
Diese Geschichte stammt aus der August 30, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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