वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की सोमवार को होने वाली बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर कर के मसले पर कोई फैसला लिया जा सकता है। इससे सरकारी खजाने पर 6.5 अरब रुपये से 35 अरब रुपये तक की चपत लग सकती है। परिषद द्वारा नामित केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति ने इस मामले का विस्तृत विश्लेषण किया है।
वित्तीय सेवाओं के विभाग द्वारा इस पर कर की दरें घटाने के अनुरोध के बाद यह कदम उठाया गया है। विभाग स्वास्थ्य बीमा पर कर की दर घटाकर इसे सुलभ और किफायती बनाना चाहता है।
घटनाक्रम के जानकार अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि फिटमेंट समिति इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंप सकती है। इसमें सभी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और पुनर्बीमाकर्ताओं के लिए जीएसटी से पूरी छूट देने और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं पर मौजूदा 18 फीसदी की जीएसटी दर को घटाकर 5 फीसदी करने सहित चार विकल्प सुझाए जा सकते हैं।
Diese Geschichte stammt aus der September 06, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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