बैंकों का निजीकरण और लैटरल एंट्री है जरूरी : मेहरा
Business Standard - Hindi|October 30, 2024
एरिजोना यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री रजनीश मेहरा ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए पहला कदम बोझिल विनियमों को खत्म करना हो सकता है।
बैंकों का निजीकरण और लैटरल एंट्री है जरूरी : मेहरा

उन्होंने नई दिल्ली में रुचिका चित्रवंशी से बातचीत में कहा कि सरकार में लैटरल एंट्री महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अफसरशाही स्वेच्छा से ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी जिससे उसका प्रभाव कम हो। पेश हैं मुख्य अंश :

आपने वित्तीय क्षेत्रों में सरकार की भागीदारी कम करने की जरूरत पर बात की है। इस बारे में आपके क्या सुझाव हैं ?

बैंकों का निजीकरण जरूरी है। सरकारी भागीदारी अक्सर निजी पूंजी को बाहर कर देती है, जो विकास के लिए अहम है। विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सुनिश्चित करना जरूरी है कि उत्पादक निवेश के लिए पूंजी उपलब्ध हो। निजीकरण से बैंकिंग क्षेत्र संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर सकेगा।

भारत 2047 तक विकसित देश बनना चाहता है। इसके लिए हमें कौन से प्रमुख सुधार करने की जरूरत है?

Diese Geschichte stammt aus der October 30, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.

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