■ कंपनी एलन बुगल्स और स्नैकटेक ब्रांड के तहत नमकीन तथा इंडिपेंडेंस ब्रांड के तहत बिस्कुट की करती है बिक्री
■ खुदरा विक्रेताओं को 20 फीसदी तक दे रही मार्जिन, अन्य ब्रांड 10 से 15 फीसदी तक देते हैं मार्जिन
■ देश में 2032 तक नमकीन का बाजार बढ़कर 95,521.8 करोड़ रुपये पहुंचने का है अनुमान
Diese Geschichte stammt aus der November 04, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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महाकुंभ: 1.65 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे
प्रयागराज महाकुंभ में पौष पूर्णिमा के पहले स्नान में सोमवार को 1.65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।
हर मौसम में जुड़ा रहेगा श्रीनगर और लेह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनमर्ग सुरंग (जेड-मोड़ सुरंग) का उद्घाटन किया
अमेरिकी वीजा की बढ़ी मांग मजबूत संबंधों का आधार
अमेरिका जाने के लिए वीजा की बहुत अधिक मांग महत्त्वपूर्ण मुद्दा रहा है।
'सरकार का कदम पीछे खींचना दुर्भाग्यपूर्ण'
दिल्ली : सीएजी रिपोर्ट मामला
समाज कल्याण की योजनाओं पर जोर से दरक रहा शहर का बुनियादी ढांचा
राजधानी दिल्ली में चुनावी वादों में लोकलुभावन योजनाओं को वरीयता देने से ढांचागत विकास के समक्ष उभरी चुनौतियाँ
ट्रंप का नया कार्यकाल और बजट निर्माण
अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद नीतिगत मोर्चे पर भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है। ऐसे में बजट में वृद्धि, रोजगार और शासन के मोर्चे पर संतुलन कायम हो। बता रहे हैं टीटी राम मोहन
वर्ष 2025 में निदेशक मंडलों का एजेंडा
नया साल यानी 2025 उथल-पुथल भरा रह सकता है। ऐसे में निदेशक मंडलों (बोर्ड) पर अपनी कंपनियों को इस नए साल में नई चुनौतियों से उबारने की जिम्मेदारी होगी।
रूस के सस्ते कच्चे तेल में हो सकती है कटौती
रूस की तेल व गैस इकाइयों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए नवीनतम प्रतिबंधों का परोक्ष असर भारत पर भी हो सकता है। इससे भारत को रूस से छूट पर मिलने वाले कच्चे तेल में कटौती हो सकती है और क्रूड बाजार कीमतों पर खरीदना पड़ सकता है।
रुपये की विनिमय दर में स्थिरता अनिवार्य नहीं
रुपये में आई हालिया भारी गिरावट और देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई तेज कमी के कारण अब इस पर बहस शुरू हो गई है कि क्या विनिमय दर को स्थिर बनाए रखना जरूरी है और वांछनीय है।
कर बदलाव से 2024 में शेयर बायबैक पर पड़ा असर
वर्ष 2023 में 6 साल के ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद पिछले साल कंपनियों ने पुनर्खरीद पेशकश पर कम रकम खर्च की। सरकार ने कर बोझ कंपनियों से निवेशकों पर डाल दिया। इस कारण इस खर्च में कमी आई। वर्ष 2024 में 48 कंपनियों ने 13,423 करोड़ रुपये के शेयर पुनः खरीदे। यह रकम 2023 में इतनी ही संख्या वाली कंपनियों की शेयर पुनर्खरीद राशि से कम है। तब उनकी राशि 48,079 करोड़ रुपये रही थी।