![भारत का ऊर्जा भविष्य और छोटे परमाणु संयंत्र भारत का ऊर्जा भविष्य और छोटे परमाणु संयंत्र](https://cdn.magzter.com/1548654642/1730922098/articles/0qfrBQhfneBouClD86Bsys/1730952514839.jpg)
स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर या एसएमआर में भारत की ऊर्जा की तस्वीर बदल देने की क्षमता है। लेकिन अभी की स्थिति में भारत में एसएमआर से बिजली बनाने का व्यापक कार्यक्रम शुरू करने से पहले काफी कुछ किया जाना है। मगर यह अहम क्यों है? क्योंकि आगे चलकर भारत को हर आठ से 10 वर्ष में अपना बिजली उत्पादन दोगुना करना होगा। पारंपरिक नवीकरणीय ऊर्जा सस्ती तो होती है मगर उसका भंडारण सस्ता नहीं होता। साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा में पवन ऊर्जा तथा सौर ऊर्जा मौसम पर निर्भर रहती है और रोजाना इसमें बदलाव होता रहता है। ऐसे में भारत ऊर्जा उत्पादन के लिए जीवाश्म ईंधन इस्तेमाल नहीं करना चाहता तो उसके पास दूसरे स्रोतों में विविधता लाने के सिवा कोई विकल्प नहीं है।
इसमें दो राय नहीं है कि विविधता लाने से जोखिम कम होता है और बिजली की उपलब्धता में उतार-चढ़ाव भी कम होता है। लेकिन यह काम चतुराई से किया जाए तो बिजली उत्पादन की लागत भी कम हो सकती है। अन्य ऊर्जा स्रोतों में जियोथर्मल यानी भूतापीय और टाइडल अर्थात ज्वार से ऊर्जा बनाना अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुआ है। जैव ईंधन बहुत महंगे हैं। ऐसे में परमाणु ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन जरूरी लगता है। इससे उत्पादन स्थिर होता है और चौबीसों घंटे रहता है, जिस कारण यह और भी आकर्षक विकल्प बन जाता है।
किंतु बड़े परमाणु बिजली संयंत्रों के साथ दिक्कत यह है कि इनके निर्माण में बहुत समय लगता है। ये करीब एक दशक में तैयार होते हैं और इनके लिए बहुत जमीन की जरूरत होती है। इनका निर्माण शुरू होने के साथ ही कई एहतियात बरतने होते हैं। अगर 300 मेगावॉट से कम क्षमता वाली परमाणु परियोजनाओं की बात करें तो तकनीकी बदलाव और नियमों को दुरुस्त बनाने से ये व्यावहारिक विकल्प बन गई हैं।
Diese Geschichte stammt aus der November 07, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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![एआई के दुरुपयोग की बढ़ती आशंका एआई के दुरुपयोग की बढ़ती आशंका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/1AZ9B4Ff57g54tY8QCRsys/1739767206895.jpg)
एआई के दुरुपयोग की बढ़ती आशंका
प्रिंसटन विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक जॉन एरिस्टॉटल फिलिप्स ने एक शोध पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि परमाणु बम कैसे बनाया जाता है।
वैश्विक इक्विटी मार्केट कैप में भारत की हिस्सेदारी घटी
देश की सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण सितंबर के आखिर से अब तक करीब 1,050 अरब डॉलर घटा
![छात्र आवास बाजार में उभर रहीं बड़ी संभावनाएं छात्र आवास बाजार में उभर रहीं बड़ी संभावनाएं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/ektfyei7r1739767830186/1739767942158.jpg)
छात्र आवास बाजार में उभर रहीं बड़ी संभावनाएं
भारत में शिक्षण संस्थानों की बढ़ती मांग के साथ छात्रों के आवास बाजार का दायरा तेजी से उभरने वाला है, क्योंकि इन संस्थानों में पढ़ने आने वाले लाखों बाहरी छात्रों को रहने के लिए छात्रावास और किराए के घरों की आवश्यकता होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे छात्रों की संख्या बढ़ेगी, आवास की मांग में वृद्धि होती जाएगी।
हीरो मोटोकॉर्प का 2 अंकों में राजस्व वृद्धि का लक्ष्य
देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प नए उत्पाद और खंडों में सतत निवेश के जरिये अगले वित्त वर्ष में अपने राजस्व में दो अंकों में वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रही है।
![बंदरगाहों की 50,000 करोड़ की पीपीपी पर होगा काम बंदरगाहों की 50,000 करोड़ की पीपीपी पर होगा काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/7AT_1m1J61739766706871/1739766878740.jpg)
बंदरगाहों की 50,000 करोड़ की पीपीपी पर होगा काम
सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों प्रमुख सरकारी बंदरगाहों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की लागत वाली सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) की परियोजनाएं विकसित करने पर है। इससे बंदरगाहों पर भीड़ कम होगी और वे बेहतर ढंग से तैयार भी होंगे। इन मसलों के कारण ही भारत में लॉजिस्टिक्स की लागत अधिक रहती है।
![शेयरों की टूटी धमक तो सोने की बढ़ी चमक शेयरों की टूटी धमक तो सोने की बढ़ी चमक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/MPGMs0Dkf1739765842212/1739765930656.jpg)
शेयरों की टूटी धमक तो सोने की बढ़ी चमक
विश्लेषकों का कहना है कि सोने में 10-15 प्रतिशत करें निवेश, लेकिन पिछले साल जितने लाभ की उम्मीद न करें
अवीवा इंडिया पर 75 लाख डॉलर का दंड
भारतीय कर अधिकारियों ने ब्रिटिश बीमा कंपनी अवीवा की घरेलू इकाई को पिछले करों और दंड के रूप में 75 लाख डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया है।
सैमसंग इंडिया के संयंत्र में हड़ताल और गहराने का अंदेशा
सैमसंग इंडिया के श्रीपेरंबदूर संयंत्र में कंपनी प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच ताजा गतिरोध सोमवार से और तेज हो सकता है। इसकी वजह यह है कि सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स) के समर्थन वाले लगभग 1,000 श्रमिक अपने परिवार के लोगों के साथ वरचत्र में बड़ी भूख हड़ताल शुरू करने जा रहे हैं।
![अमेरिकी वीजा के लिए मंदिरों में बढ़ी भीड़! अमेरिकी वीजा के लिए मंदिरों में बढ़ी भीड़!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/BNjvfkjHhGqlwBjoMKtsys/1739767419776.jpg)
अमेरिकी वीजा के लिए मंदिरों में बढ़ी भीड़!
अमेरिकी वीजा मिलने में सख्ती होने के डर से परामर्शदाता एजेंसियों की सेवाएं ले रहे लोग, मंदिरों में भी कर रहे प्रार्थना
![2030 तक नौ लाख करोड़ का कपड़ा निर्यात 2030 तक नौ लाख करोड़ का कपड़ा निर्यात](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1996570/YDlEFUwEtZmlva8RDpbsys/1739767633326.jpg)
2030 तक नौ लाख करोड़ का कपड़ा निर्यात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत टेक्स 2025 में कहा कि भारत दुनिया में वस्त्र और परिधान का छठा सबसे बड़ा निर्यातक