अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का जोर अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लोगों से निपटने पर रहने की संभावना है, जबकि एच1-बी वीजा व्यवस्था के तहत वैध आप्रवासन पर उनका रवैया थोड़ा नरम पड़ सकता है। विदेश नीति के जानकार मान रहे हैं कि ट्रंप सरकार क्वाड जैसे बहुपक्षीय मंच को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठा सकती हैं। भारत भी चार देशों के इस संगठन का हिस्सा है।
सेवानिवृत्त राजदूत और फॉरेन पॉलिसी थिंकटैंक गेटवे हाउस की सह-संस्थापक नीलम देव कहती हैं, ‘सभी देश चाहते हैं कि उनके यहां उच्च प्रशिक्षित प्रवासी आएं। इसलिए ट्रंप सरकार मुख्य रूप से अवैध आप्रवासन के मुद्दे पर सख्त रवैया अपनाएगी।’ एच1-बी वीजा की व्यवस्था दरअसल, अमेरिकी कंपनियों को स्नातक या इससे ऊपर की डिग्री धारक पेशेवरों को अस्थायी रूप से नौकरी पर रखने की इजाजत देता है।
राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान योग्यता मानदंड तथा आवेदनों की समीक्षा की व्यवस्था कड़ी करके एच1-बी वीजा कार्यक्रम को सीमित करने का प्रयास किया गया था। ट्रंप ने खुल कर इस व्यवस्था के प्रति आवाज उठाते हुए इसे अमेरिकी कामगारों के लिए बहुत ही खराब और पक्षपातपूर्ण करार दिया था। मालूम हो कि इस वीजा के तहत अमेरिका जाने वालों में सबसे अधिक भारतीय ही होते हैं।
इस बीच, पूर्व राजनयिक और गेटवे हाउस में फेलो राजीव भाटिया कहते हैं कि अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर पकड़े गए अवैध प्रवासियों में सबसे अधिक संख्या भारतीयों की है। इस मुद्दे से निपटने के लिए भारत को अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
Diese Geschichte stammt aus der November 07, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der November 07, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
लगातार नौवें साल शेयर बाजार में बढ़त
एक साल पहले के मुकाबले काफी कम रही बढ़त
इस साल निफ्टी 50 कंपनियों में 92 लोगों की जान गई
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी-50 सूचकांक में शामिल कंपनियां वित्त वर्ष 2024 में अपने औद्योगिक परिचालन के दौरान मौतों की घटनाओं को रोकने में विफल रहीं
सीपीएसई की छोटे उद्योगों से खरीदारी गिरी
वित्त वर्ष 24 में केंद्र सरकार के उद्यमों ने छोटे व मझोले उद्योगों से 773 करोड़ रुपये की खरीद की, जो पिछले साल से 43% कम
निष्क्रिय समितियों का 15 दिन में हो परिसमापन
हालिया मानक संचालन प्रक्रिया में कहा गया है कि परिसमापन यानी किसी कंपनी का वैधानिक अस्तित्व समाप्त करने की प्रक्रिया 15 दिन में पूरी होनी चाहिए
नए साल में 100वां प्रक्षेपण: सोमनाथ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जनवरी में प्रस्तावित भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिये श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 100वां प्रक्षेपण करने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर लेगा।
विकास में लंबी छलांग, मंजिल अभी दूर
देश में एक्सप्रेसवे-सड़कों का जाल फैला, बुलेट ट्रेन के साथ विश्व व्यापार में छाने को बंदरगाह हैं तैयार
मणिपुर: मुख्यमंत्री ने जातीय संघर्ष के लिए मांगी माफी
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में हुए जातीय संघर्ष के लिए मंगलवार को माफी मांगी और सभी समुदायों से पिछली गलतियों को भूलने तथा शांतिपूर्ण व समृद्ध राज्य में एक साथ रहने की अपील की।
सोशल मीडिया पर उपलब्धियां
'क्वाड' की 20वीं वर्षगांठ पर सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने दोहराई प्रतिबद्धता
अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियाँ और उपाय
तमाम चुनौतियों के कारण नीति निर्धारक निर्णय लेते वक्त 2025 में पसोपेश की स्थिति में रहेंगे। बता रहे हैं धर्मकीर्ति जोशी
मनमोहन सिंह ने बदली भारत की तकदीर
आज का भारत अपनी तमाम सफलताओं और कमियों के साथ हालिया इतिहास के किसी अन्य व्यक्ति के बजाय मनमोहन सिंह की देन है। उन्हें हमेशा \"असंभावित\" राजनेता कहा गया लेकिन अपनी तमाम कामयाबियों और नाकामियों के साथ उनका करियर हमें यह याद दिलाता है कि टेक्नोक्रेट भी किसी राजनेता की तरह ही देशों की तकदीर बदल सकते हैं।