कई बार प्रतिष्ठित पुरस्कार किसी को न देना ही सही होता है, खास तौर पर तब जब दावेदार तय कसौटी पर खरे नहीं उतरते हों। इस वर्ष 'आर्थिक विज्ञान के लिए स्वेरिएस रिक्सबैंक अवार्ड' यानी अर्थशास्त्र का नोबेल डैरन एसमोगलू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए रॉबिनसन को कथित तौर पर 'राष्ट्रों की समृद्धि में अंतर पर हमारी समझ बढ़ाने' के लिए दिया गया।
जो मैंने कहा, उसके पीछे ये वजहें हैं। शुरुआत इस पुरस्कार के नाम में शुरू से जुड़ी खामी से होनी चाहिए। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के मुताबिक यह पुरस्कार 'आर्थिक विज्ञान' में बेहतरीन प्रदर्शन को मान्यता देता है। भौतिकी विज्ञान है, रसायन भी विज्ञान है और जीव विज्ञान तो है ही। परंतु अर्थशास्त्र आर्थिक प्रोत्साहन और जुर्मानों पर मानवीय प्रतिक्रियाओं की बात करता है और इसकी कामयाबी या नाकामी मनोविज्ञान तथा समाज विज्ञान की समझ पर निर्भर करती है। अर्थशास्त्र विशुद्ध विज्ञान नहीं है और इसका नोबेल जीतने वाले वैज्ञानिक कतई नहीं हैं।
चूँकि इसमें किसी महत्त्वपूर्ण या बड़े शोध की संभावना बहुत कम होती है और आधुनिक मौद्रिक सिद्धांत जैसे ज्यादातर आर्थिक सिद्धांत अपने भीतर मौजूद विरोधाभास के ही शिकार हो जाते हैं, शायद इसलिए समिति संख्याओं को ज्यादा वजन देती है। यह किसी एक अर्थशास्त्री को नहीं बल्कि कुछ अर्थशास्त्रियों को नोबेल प्रदान करती है। पिछले चार साल में केवल एक बार यह पुरस्कार इकलौते हाथों में गया है, जब 2023 में क्लॉडिया गोल्डिन को अर्थशास्त्र का नोबेल दिया गया था। यह सही है कि शोध अक्सर टीम के प्रयास का नतीजा होता है लेकिन हमें यह भी ध्यान देना चाहिए कि एक साथ कई लोगों को पुरस्कार देने का चलन बन गया है।
Diese Geschichte stammt aus der November 08, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der November 08, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
सनरूफ से लेकर हवादार सीट, कार खरीदारों को लुभा रहे प्रीमियम फीचर
मुंबई के रहने वाले राजीव जोशी (नाम बदल दिया गया है) ने दीवाली पर नई कार खरीदी थी और अब अपने परिवार के साथ सर्दियों की छुट्टियों में इसी कार से गोवा जाने की योजना बना रहे हैं।
प्रदूषण: दिल्ली छोड़ने को मजबूर लोग
दिल्ली के वायु प्रदूषण ने यहां रहने वालों की नाक में दम कर दिया है। अनेक स्थानीय निवासियों और प्रवासी शहरियों के लिए यह बर्दाश्त से बाहर हो रहा है।
6 को दिल्ली की ओर कूच करेंगे किसान?
इस साल फरवरी से हरियाणा-पंजाब सीमा पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) के बैनर तले किसानों ने आंदोलन तेज करने और 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर पैदल मार्च करने का फैसला किया है।
भारत, विकासशील देशों को झटका
कॉप 29 सम्मेलन
अदाणी : थम नहीं रहा राजनीतिक झंझावात
कांग्रेस प्रदेश इकाइयों ने उठाई जेपीसी जांच की मांग, भाजपा पर लगाया अदाणी समूह को बचाने का आरोप
मणिपुर में हिंसा और पूर्वोत्तर की राजनीति
नैशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मणिपुर की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
गैर बैंकिंग कंपनियों का वित्तीय निवेश
गैर बैंकिंग कंपनियों के वित्तीय निवेश की बात करें तो सवाल यह है कि क्या भविष्य में ऐसा ही नजर आने वाला है अथवा बाजार की अस्थिरता इस स्थिति को बदल देगी।
प्रक्रिया के बंदी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि संविधान दिवस के दिन उन विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जाएगा जिन्होंने अपराध की अधिकतम तय सजा का एक तिहाई हिस्सा जेल में काट लिया है।
महंगाई के बावजूद कारोबारी विश्वास बढ़ा
भारत के निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में नवंबर में मजबूत वृद्धि जारी रही है। एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कंपोजिट आउटपुट इंडेक्स बढ़कर 59.5 पर पहुंच गया जो अक्टूबर में 59.1 था। यह 3 महीने में सबसे तेज वृद्धि है, जो नए बिजनेस मिलने और निर्यात बढ़ने से हुई है।
वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत तैयार
देश पर्यावरण के अनुकूल कारोबारी गतिविधियों व हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध