वैश्विक विनिर्माण में चीन का दबदबा है। फिलहाल वह वैश्विक उत्पादन में 32 फीसदी का हिस्सेदार है। अमेरिका, जापान, जर्मनी, भारत और दक्षिण कोरिया क्रमश: 16, 7, 5, 3 और 3 फीसदी के हिस्सेदार हैं। चीन दुनिया का सबसे बड़ा कारोबारी है और अब तक वह दुनिया में विनिर्मित वस्तुओं का सबसे बड़ा निर्यातक भी है। इसमें चीनी और विदेशी दोनों कंपनियां शामिल हैं। दुनिया कारोबार के इस प्रकार चीन में केंद्रित होते जाने को ध्यान में रखते हुए उसमें विविधता लाना चाहती है और इसके लिए चीन के अलावा किसी देश पर ध्यान देने की नीति पर बात शुरू हुई। चीन विनिर्माण का अहम स्रोत है लेकिन भारत समेत अन्य देश उस दूसरे देश का स्थान लेना चाहते हैं जो चीन का विकल्प बनेगा। अब जबकि दुनिया एक देश पर अपनी भूराजनीतिक निर्भरता को कम करने पर विचार कर रही है हमें भी एक देश पर अपनी भूराजनीतिक निर्भरता कम करनी चाहिए।
आखिर वैश्विक नेतृत्व कैसे तैयार होता है? अमेरिका दूसरे विश्व युद्ध के बाद एक दबदबे वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा और वैश्विक विनिर्माण उत्पादन में उसकी हिस्सेदारी 60 फीसदी थी। उस समय वह दुनिया की सबसे मजबूत सैन्य शक्ति भी था। युद्ध के बाद की अवधि के लिए कई बहुराष्ट्रीय संस्थान बनाए गए: संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व व्यापार संगठन, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय आदि। इन संगठनों का प्रभाव और उनकी विश्वसनीयता में अंतर रहा है लेकिन उन्हें अमेरिका के समर्थन से मजबूती मिली। यह इच्छा शक्ति भी कि अगर कोई देश नियम पालन न करे तो उसे निशाना बनाया जा सके।
Diese Geschichte stammt aus der November 22, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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एनबीएफसी का नियामकों से करीबी समन्वय जरूरी
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने कहा कि वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का वित्तीय नियामकों के साथ करीबी समन्वय स्थापित किए जाने की जरूरत है।
सी-पेस के तहत कंपनियों की निकासी में आई तेजी, लग रहे 70 से 90 दिन
चालू वित्त वर्ष में इस साल 15 नवंबर तक सेंटर फॉर प्रोसेसिंग एक्सीलेरेटेड कॉरपोरेट एक्जिट (सी-पेस) के तहत कुल 11,855 कंपनियों को हटा दिया गया है।
इक्विटी के जरिये रकम जुटाएंगे बैंक
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकारी बैंकों को इक्विटी पूंजी जुटाने की मिली मंजूरी
प्रतिभाओं को आकर्षित करने में कर्नाटक अव्वल
भारत के सिर्फ नौ राज्य ही नेट टैलेंट पॉजिटिव यानी प्रतिभा के लिहाज से धनात्मक राज्य हैं और इनमें से कर्नाटक शीर्ष राज्य के तौर पर उभरा है जहां सबसे ज्यादा पॉजिटिव टैलेंट बेस है।
संसद के दोनों सदन दूसरे दिन भी बाधित
अदाणी मामले, मणिपुर समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का भारी हंगामा, जेपीसी जांच की मांग पर अड़ा
मुख्यमंत्री की दौड़ से पीछे हटे शिंदे
आखिरकार एकनाथ शिंदे मान गए। इसी के साथ महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
शहरों को तैयार करने की दूरदर्शी योजना बने
शहर सिर्फ इमारतों का एक समूह नहीं है। शहर वास्तव में सामाजिक व्यवस्थाओं, सेवाओं, इमारतों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का गतिशील नेटवर्क होता है।
वित्तीय बाजार में प्रतिफल की चौथाई सदी
भारत ने विगत 25 वर्षों में जहां बेहतरीन वास्तविक रिटर्न दिया है, वहीं उच्च मूल्यांकन के कारण इसका टिकाऊ बने रहना मुश्किल प्रतीत होता है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश
अमेरिकी जांच पर खुलासा अनिवार्य नहीं
अदाणी समूह की कंपनियों ने अमेरिकी एजेंसियों की जांच से जुड़े खुलासे के संबंध में शेयर बाजारों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब दिया है।
अपतटीय खनन की आज पहली नीलामी
भारत और फ्रांस के बीच पांच क्षेत्रों में सहयोग की अपील