![क्यूआईपी से जुटाई गई रकम पहली बार 1 ट्रिलियन के पार क्यूआईपी से जुटाई गई रकम पहली बार 1 ट्रिलियन के पार](https://cdn.magzter.com/1548654642/1732906172/articles/piU1JmVVOxLTXMhFrMMsys/1732920386347.jpg)
कैलेंडर वर्ष 2024 में अब तक 80 कंपनियों ने रिकॉर्ड 1.13 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं जो कैलेंडर वर्ष 2023 की इसी अवधि की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। तब 35 कंपनियों ने 38,220 करोड़ रुपये जुटाए थे। पिछला उच्चतम स्तर कैलेंडर वर्ष 2020 में देखा गया था जब 25 कंपनियों ने क्यूआईपी के जरिये 80,816 करोड़ रुपये जुटाए थे।
अगर हम मौजूदा या खुले हुए क्यूआईपी पर विचार करें तो एस्टेट डेवलपर गोदरेज प्रॉपर्टीज और केबल और वायर फर्म केईआई इंडस्ट्रीज इस रास्ते से (अगर वे कामयाबी के साथ अंजाम तक पहुँचते हैं) कुल 8,000 करोड़ रुपये जुटा लेंगी। इस तरह कैलेंडर वर्ष 2024 में क्यूआईपी से जुटाई गई कुल राशि 1.21 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच जाएगी।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने बताया कि कैलेंडर वर्ष 2024 न केवल द्वितीयक बाजारों के लिए अच्छा रहा है बल्कि पर्याप्त तरलता के बीच प्रवर्तकों के लिए धन जुटाने के लिए अहम साल भी रहा है। बहुत सारे प्रवर्तकों ने ऐसा ही किया और द्वितीयक बाजारों में उछाल का इस्तेमाल अपने लाभ के लिए किया और भविष्य में उपयोग के लिए धन जुटाया।
Diese Geschichte stammt aus der November 30, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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!['अर्थव्यवस्था दे रही निवेश पर अच्छा रिटर्न' 'अर्थव्यवस्था दे रही निवेश पर अच्छा रिटर्न'](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1997735/fPKT2Elcs1739851614166/1739851762461.jpg)
'अर्थव्यवस्था दे रही निवेश पर अच्छा रिटर्न'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) बिकवाली पर चिंता को दूर द्वारा करते हुए सोमवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे रही है। यही वजह है कि विदेशी निवेशक मुनाफा काटने के लिए शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं।
छोटे सबसे ज्यादा पिटे, आगे और घटेंगे?
पिछले कुछ महीनों में स्मॉलकैप शेयरों पर भारी बिकवाली का दबाव है। इस कारण नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक पिछले सप्ताह मंदी की गिरफ्त में चले गए। अपने-अपने सर्वोच्च स्तरों से 20 फीसदी से अधिक की गिरावट पर मंदी की चपेट में माना जाता है।
![शेयरों के थोक सौदे पर संकट शेयरों के थोक सौदे पर संकट](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1997735/515AUN9zDjW4eojGwsDsys/1739851605588.jpg)
शेयरों के थोक सौदे पर संकट
6 अरब डॉलर मूल्य के शेयरों की लॉक इन अवधि खत्म होने के बाद उनकी बिकवाली होगी कठिन
![उद्योग जगत में श्रमिकों की कमी का दर्द उद्योग जगत में श्रमिकों की कमी का दर्द](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/19015/1997735/VbPla8QvJVGTONQAh8ssys/1739852918001.jpg)
उद्योग जगत में श्रमिकों की कमी का दर्द
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू किए अभी एक साल ही हुआ था कि चीनी उद्योग से जुड़े एक बड़े उद्योगपति बजट पेश होने के बाद टेलीविजन पर एक कार्यक्रम में अनोखी शिकायत करते नजर आए। उन्होंने कहा कि नरेगा यानी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (इसका शुरुआती नाम यही था मगर 2009 में इसके आगे 'महात्मा गांधी' जुड़ गया और नाम मनरेगा हो गया) की वजह से उन्हें उस साल गन्ने की कटाई के लिए मजदूर ही नहीं मिल रहे हैं। पंजाब से खबरें आईं कि वहां के किसानों को भी खरीफ की कटाई के दौरान ऐसे ही संकट का सामना करना पड़ा।