भारतीय रुपया सितंबर 2024 के अंतिम सप्ताह में उस समय दबाव में आ गया जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय पूंजी बाजार में विशुद्ध बिकवाली आरंभ कर दी। इसके परिणामस्वरूप पूंजी बाहर जाने लगी। बहरहाल, व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा बाजार में दखल दिया जिससे कुछ हलकों में यह चिंता भी उत्पन्न हुई कि क्या यह सही रणनीति है?
एफआईआई ने 25 सितंबर से भारतीय बाजार से पूंजी निकालनी शुरू की। इससे एक दिन पहले ही पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने मौद्रिक प्रोत्साहन घोषित किया था। इसके तुरंत बाद चीन में राजकोषीय प्रोत्साहन दिया गया। चूंकि चीन में शेयरों का मूल्यांकन सस्ता था और प्रोत्साहन ने शेयर कीमतों में इजाफे की संभावना पैदा कर दी थी इसलिए एफआईआई ने भारत से पैसा निकालकर चीन में निवेश करना आरंभ कर दिया।
Diese Geschichte stammt aus der December 03, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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