
तिरुनेलवेली को अब तमिलनाडु की ‘ग्रीन एनर्जी राधानी’ के रूप में जाना जाता है। यह राज्य के कुल पवन ऊर्जा में करीब 25 फीसदी सौर ऊर्जा में भी उल्लेखनीय योगदान करता है। इस प्राचीन शहर की उपलब्धियों की सूची में अब टाटा पावर भी शामिल होने जा रही है। टाटा पावर तिरुनेलवेली में अपनी पहली परियोजना स्थापित कर रही है। शहर के करीब 20 किलोमीटर दूर गंगईकोंडान में तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम (एसआईपीसीओटी) औद्योगिक पार्क है। बाहरी दुनिया में इसके अलावा उसकी कोई खास पहचान नहीं है।
टाटा पावर सोलर (टीपीएसएल) सोलर सेल अथवा फोटोवोल्टिक (पीवी) सेल एवं मॉड्यूल विनिर्माण कारखाना 317 एकड़ में है। इसे भारत का सबसे बड़ा सोलर सेल अथवा पीवी सेल एवं मॉड्यूल उत्पादन केंद्र के रूप में जाना जाता है। मगर अचंभित करने वाली बात यह है कि इसमें महिला कर्मचारियों की उल्लेखनीय हिस्सेदारी है और उनमें से अधिकतर महिला कर्मचारी 60 किलोमीटर के दायरे से आती हैं।
अधिकारियों के अनुसार, वहां कुल 2,805 कर्मचारियों में से 60 फीसदी महिलाएं हैं। इतना ही नहीं कुल 1,334 ऑपरेटर कर्मियों में 80 फीसदी महिलाएं हैं। तेजी से उभरते इस क्षेत्र में कुशल कर्मियों की किल्लत रही है, मगर टीपीएसएल के कारखाने में महिलाओं की अधिक भागीदारी से उम्मीद बंधती है।
सेल एवं मॉड्यूल के लिए 4.3 गीगावॉट की क्षमता वाले इस कारखाने को भविष्य में विस्तार के लिहाज से डिजाइन किया गया है।
कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा, ‘इस संयंत्र में क्षमता विस्तार के लिए पर्याप्त जगह है।’ उन्होंने कहा कि वहां कंपनी अपनी विनिर्माण क्षमता को अतिरिक्त 4 गीगावॉट तक बढ़ा सकती है।
तकनीकी क्रांति में अग्रणी
Diese Geschichte stammt aus der December 09, 2024-Ausgabe von Business Standard - Hindi.
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