क्योंकि, हर सीट पर टक्कर बराबरी की रही है। वैसे भी, महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जिस पर फोकस दोनों गठबंधनों ने कर रखा था। वजह साफ है कि सीटों के नंबर के हिसाब से यह राज्य उत्तर प्रदेश के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है जहां अगर एनडीए को झटका लगा तो केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए परेशानी बढ़ जाएगी। उत्तर प्रदेश में 80 सीटें हैं तो महाराष्ट्र में 48 सीटें हैं।
मोदी की लहर के साथ ही 2014 और 2019 में बीजेपी ने अविभाजित शिवसेना के साथ मिलकर 48 में से 41 सीटों पर कब्जा कर लिया था। अब परिस्थिति बदली हुई है। परिस्थिति बदलने में बीजेपी की ही भूमिका रही है। अपनी ताकत बढ़ाने के लिए उसने शिवसेना और एनसीपी को तोड़ दिया है। मगर यह माना जा रहा है कि टूटी हुई शिवसेना और एनसीपी को जिस तरह से सहानुभूति की खाद मिली है उससे बीजेपी को बड़ी चुनौती भी मिली है। इस चुनौती का सामना करने के लिए बीजेपी ने अपने ऐसे चुनावी प्रबंधन का इस्तेमाल किया जो महाराष्ट्र की संस्कृति से मेल नहीं खाता है। इसलिए दोनों गठबंधनों के दांव-पेंच बड़े रोमांचक रहे हैं। इसमें किसी एक गठबंधन को सुपर नहीं माना जा सकता है।
Diese Geschichte stammt aus der 29 May 2024-Ausgabe von Rising Indore.
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