जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं और क्या जुर्म है पता ही नहीं? हाईकोर्ट
Rising Indore|14 August 2024
हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि जेल की अंधेरी दीवारों के पीछे रहने वालों तक संवैधानिक स्वतंत्रता की रोशनी नहीं पहुंच रही है जेल में बंद बेसहारा कैदियों की सुध लेने का आदेश दिया
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं और क्या जुर्म है पता ही नहीं? हाईकोर्ट

ईकोर्ट ने यह दिशा-निर्देश दिए कि हा कैदियों को समय पर सालसा यानी स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी के जरिए कानूनी सहायता मिले और उनके जमानत आवेदन प्रस्तुत होने में विलंब ना हो, क्योंकि स्वतंत्रता का प्रत्येक क्षण अनंत काल के समान है और खोने के लिए कोई समय नहीं है। समय रहते कार्यवाही की जानी चाहिए। हाईकोर्ट ऐसे मामले की सुनवाई कर रहा था जिसमें हत्या के आरोपी को 14 साल की सजा के बाद जमानत दी गई थी। आरोपी वर्ष 2008 से जेल में बंद था। इसके खिलाफ बुलंदशहर के थाना जहांगीराबाद में आईपीसी की धारा 394 एवं 302 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज है। कोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान के सबसे अंतर्निहित क्षेत्र में स्थित मानवीय स्थिति के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी जमानत आवेदनों में उठते है। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए कि कैदियों को समय पर कानूनी सहायता मिले और जमानत याचिकाओं में देरी न हो। हाईकोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता के मामले में प्रत्येक क्षण अनंत काल है और खोने के लिए कोई समय नहीं है। यही नहीं कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कई भारतीय नागरिकों के लिए स्वतंत्रता की वास्तविकता अधिक गंभीर है। इस चर्चा से उभरने वाले कैदियों के एक वर्ग की दुर्दशा अगस्त 1947 की आधी रात के घातक आघात की ललक को कम कर देती है।

हाई कोर्ट ने प्रसिद्ध शायर फैज अहमद फैज के एक नज्म जो आजादी के दिन के लिए लिखी गई थी उसका उल्लेख करते हुए कहा कि ये दाग दाग उजाला, ये शब-गज़ीदा सहर वो इंतजार था जिस का ये वो सहर तो नहीं।'

हाईकोर्ट ने अपने 90 पेज के निर्णय में कैदियों को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। कोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अदालत के समक्ष आए अधिकांश मामलों में आरोपी समाज के कमजोर वर्ग से थे और उन्हें एक दशक से अधिक समय तक कानूनी सहायता नहीं मिल सकी जिसके कारण जमानत आवेदन प्रस्तुत करने में विलंब हुआ है। कानूनी सहायता के अभाव में इस वर्ग के कैदियों को स्वतंत्रता से वंचित किया जाना सही नहीं है।

Diese Geschichte stammt aus der 14 August 2024-Ausgabe von Rising Indore.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der 14 August 2024-Ausgabe von Rising Indore.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS RISING INDOREAlle anzeigen
डोनाल्ड ट्रंप की जीत से उनकी भतीजी नाखुश, जताया खेद
Rising Indore

डोनाल्ड ट्रंप की जीत से उनकी भतीजी नाखुश, जताया खेद

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Elections) नतीजे अब सामने आ गए हैं और इन नतीजों में रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को बड़ी जीत हासिल हुई है।

time-read
1 min  |
18 December 2024
ट्रंप की जीत के बाद अब भारत में ट्रंप टॉवर पर फोकस
Rising Indore

ट्रंप की जीत के बाद अब भारत में ट्रंप टॉवर पर फोकस

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत ने भारत में उनके रिहायशी प्रोजेक्ट ट्रम्प टॉवर को तेज गति दी है। उनकी दूसरी जीत के बाद देश में एक डेवलपर ने आधा दर्जन नई डी का ऐलान किया । गंगनचुंबी इमारत ट्रम्प टॉवर में लग्जरी अपार्टमेंट की शुरुआती कीमत साढ़े चार करोड़ रुपए है।

time-read
1 min  |
18 December 2024
क्रूर पति के बच्चे को मुझे जन्म नहीं देना
Rising Indore

क्रूर पति के बच्चे को मुझे जन्म नहीं देना

इंदौर में लव मैरिज के एक साल बाद ही पति-पत्नी में इतने विवाद हुए कि उनके बीच की चाहत एक-दूसरे के लिए नफरत में बदल गई। पत्नी ने गर्भ में पल रहे बच्चे के अबॉर्शन की अनुमति हाईकोर्ट से मांगी। हाईकोर्ट के आदेश पर महिला एडवोकेट बतौर काउंसलर नियुक्त हुईं। उन्होंने पति-पत्नी की काउंसिलिंग की, सुनवाई में जज ने भी समझाइश दी, लेकिन एजुकेटेड पति-पत्नी साथ रहने को राजी नहीं हुए।

time-read
2 Minuten  |
18 December 2024
'भीख मांग कर भी मैंटिनेस तो देना होगा' जैसे आदेशों पर लगेगी लगाम! सुप्रीम कोर्ट
Rising Indore

'भीख मांग कर भी मैंटिनेस तो देना होगा' जैसे आदेशों पर लगेगी लगाम! सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुजारा भत्ता तय करने के लिए 8 पैमाने तय किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों से कहा है कि गुजारा भत्ता तय करते वक्त वे पति-पत्नी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, पली और बच्चों की जरूरतें, दोनों के रोजगार की स्थिति, आय और संपत्ति को आधार बनाए।

time-read
5 Minuten  |
18 December 2024
गाजर का हलवा खाने में ही नहीं, सेहत बनाने मैं भी होता है लाजवाब, जानें इसके फायदे
Rising Indore

गाजर का हलवा खाने में ही नहीं, सेहत बनाने मैं भी होता है लाजवाब, जानें इसके फायदे

डॉक्टर आरती मेहरा ने बताया कि गाजर का हलवा खाने से स्वास्थ्य को इतने सारे फायदे होते है।

time-read
3 Minuten  |
18 December 2024
नेप्रा का कांट्रैक्ट रद्द नहीं होगा
Rising Indore

नेप्रा का कांट्रैक्ट रद्द नहीं होगा

शासन ने दिया निर्देश स्मार्ट सिटी के बोर्ड ने लगाई मोहर

time-read
3 Minuten  |
18 December 2024
ज्ञान के मंदिर में बनेगा ज्ञान पार्क
Rising Indore

ज्ञान के मंदिर में बनेगा ज्ञान पार्क

विवेकानंद स्कूल के बगीचे और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का प्राधिकरण करेगा सुंदरीकरण

time-read
2 Minuten  |
18 December 2024
पूरे देश में एक साथ चुनाव का बिल JPC में ...
Rising Indore

पूरे देश में एक साथ चुनाव का बिल JPC में ...

'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल को पुरःस्थापित करने या बिल के एडमीशन पर लोकसभा में मंगलवार को वोटिंग हुई है।

time-read
1 min  |
18 December 2024
पुलिस थानों में लगा है अटाले का ढेर
Rising Indore

पुलिस थानों में लगा है अटाले का ढेर

इंदौर शहर के पुलिस थानों में अटाले का ढेर लगा हुआ है।

time-read
1 min  |
18 December 2024
निगम अधिकारी ने ...ida पर रौब जमाया
Rising Indore

निगम अधिकारी ने ...ida पर रौब जमाया

जो जमीन प्राधिकरण के नाम हुई ही नहीं उसका प्राधिकरण पर टैक्स लगाया...

time-read
3 Minuten  |
18 December 2024