स्वावलंबन से होगा सशक्तिकरण
Panchjanya|August 28, 2022
हमारी स्वाधीनता को 75 वर्ष पूर्ण हुए हैं। हमें विचार करना होगा कि स्वाधीनता के शताब्दी वर्ष तक हमारे लक्ष्य क्या होंगे? भारतीय समाज और एक राष्ट्र के रूप में हमें कई आंतरिक और बाह्य संकटों का न केवल सामना करना है, अपितु उसका समाधान भी ढूंढना है। भारत को अभी भी समरसता के लिए और प्रयास करने होंगे क्योंकि समाज जितना समरस होगा, उतना सशक्त होगा।
दत्तात्रेय होसबाले
स्वावलंबन से होगा सशक्तिकरण

ज जब देश की स्वाधीनता को 75 वर्ष हो रहे हैं तो इस अवसर पर देश का हर नागरिक उल्लसित है। हमारे देश ने तमाम व्यवधानों और संकटों को पार करते हुए इन 75 वर्षों की यात्रा तय की है। यह यात्रा अपने आप में रोमांचित करने वाली है। आज जब हमारे देश की स्वाधीनता को 75 वर्ष हो रहे हैं तो देश की उपलब्धियां, चुनौतियां, सभी हमारे सामने हैं। कैसे एक राष्ट्र ने स्वतंत्र होते ही विभाजन जैसी त्रासदी का सामना किया और विभाजन के कारण हुई हिंसा का दंश झेला। इसके तुरंत बाद सीमा पर आक्रमण का सामना किया, परन्तु ये चुनौतियां हमारे राष्ट्र के सामर्थ्य को हरा नहीं पाईं। हमारा राष्ट्र इन चुनौतियों का सामना करते हुए अपने लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करता रहा। आज हम केवल कल्पना ही कर सकते हैं कि कैसे हमारे देश के नागरिकों ने विभाजन और आक्रमण का दुःख झेलने के बाद 1952 में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व को मनाया और भारत में लोकतान्त्रिक सरकार की स्थापना की।

भारतीय समाज में एकता के सूत्र

Diese Geschichte stammt aus der August 28, 2022-Ausgabe von Panchjanya.

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