ईरान में हिजाब की अनिवार्यता के विरोध में महिलाओं का विरोध प्रदर्शन 22 वर्षीया महसा अमीनी की हत्या के बाद तेज हो गया है। ईरान में अब तक चार युवतियों की हत्या हो चुकी है और विरोध प्रदर्शनों में कुल मिलाकर 80 से अधिक में लोग मारे गए हैं। जिनकी जान गई, उनमें महसा अमीनी के अलावा 20 वर्षीय हदीस नजफी है, जिसे छह गोलियां मारी गईं। दूसरी युवती पर्वतारोही गजाले चेलावी है, जिसकी उम्र 32 वर्ष थी। और तीसरा नाम है 23 वर्षीया हनने किया का, तथा चौथा नाम है महासा मोगोई, जिसकी उम्र मात्र 18 वर्ष थी। कलाकार ओमिद दिजालिली ने इन चारों युवतियों की जीवन से भरी तस्वीरें साझा कीं, जिन्होंने आजादी के लिए इतनी बड़ी कीमत चुकाई है।
महसा अमीनी की मृत्यु के उपरान्त आरम्भ हुआ यह जागरण पूरे विश्व की महिलाओं को प्रभावित कर रहा है, यहां तक कि सीरिया तक में महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं, परन्तु जब भारत पर दृष्टि डालते हैं तो पाते हैं कि यहां सन्नाटा है। परन्तु कौन करेगा यहां आन्दोलन, जब महिलाओं के लिए आवाज उठाने वाली महिलाएं ही इसके प्रति निरपेक्ष हैं। वैश्विक परिदृश्य में संघर्ष करती महिलाओं के बरक्स भारत एक अजीब द्वन्द्व से होकर गुजर रहा है, जहां की नारीवादी जमात कट्टरता के पक्ष में जाती हुई दिखाई दे रही हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, यह शोध का विषय परन्तु ऐसा हो रहा है और यही सत्य है।
ईरानी महिलाओं को वैश्विक समर्थन
Diese Geschichte stammt aus der October 09, 2022-Ausgabe von Panchjanya.
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