प्र धानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से केदारनाथ, बद्रीनाथ, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और उज्जैन में महाकाल मंदिर को भव्य स्वरूप दिया गया। यही नहीं, पांच सौ वर्ष बाद पावागढ़ के काली मंदिर में ध्वजा फहराई गई। लगभग पांच सौ वर्ष के संघर्ष के बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। अब वह दिन दूर नहीं जब रामलला विराजमान के दर्शन उनके भव्य मंदिर में होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार अयोध्या के छठे दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। उनकी उपस्थिति ने अयोध्या वासियों के मन में नया उत्साह भर दिया। यह सब कुछ यूं ही नहीं था। धार्मिक नगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का जो निर्माण 5 अगस्त, 2020 को शुरू हुआ था। कोरोना की तीन लहर के बावजूद मंदिर का निर्माण पचास फीसदी पूरा हो चुका है। आने वाले दिनों में अयोध्या विश्व के चुनिंदा शहरों में से एक होगी। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुरू होने के बाद पूरे विश्व के लोग सीधे यहां पहुंच सकेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में कहा कि अयोध्या भारत की महान सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है। राम अयोध्या के राजकुमार थे, लेकिन आराध्य वह पूरे देश के हैं। उनकी प्रेरणा, तपस्या, दिखाया गया मार्ग हर देशवासी के लिए है। भगवान राम के आदर्शों पर चलना, हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है। इस आदर्श पथ पर चलते हुए अयोध्यावासियों पर दोहरा दायित्व है। जहां कण-कण में राम व्याप्त हों, वहां का जन-जन कैसा हो, वहां के लोगों का मन कैसा हो, यह भी उतना ही अहम है। जैसे श्रीराम ने सबको अपनापन दिया, वैसे ही अयोध्या वासियों को यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वागत अपनत्व से करना है। अयोध्या की पहचान कर्तव्यनगरी के तौर पर भी बननी चाहिए। अयोध्या सबसे स्वच्छ नगरी हो, यहां के रास्ते चौड़े हों, सुंदरता अप्रतिम हो, इसके लिए योगी सरकार अनेक प्रयास कर रही है। अगर अयोध्यावासियों का साथ मिलेगा तो अयोध्या की दिव्यता और भी निखर जाएगी। हम जितना कर्तव्यों के संकल्प को मजबूत करेंगे, राम जैसे राज्य की संकल्पना साकार होती जाएगी।
Diese Geschichte stammt aus der November 06, 2022-Ausgabe von Panchjanya.
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