वह खौफनाक मंजर, जब कसाब सामने था
Panchjanya|December 11, 2022
26/11 की रात कॉमा अस्पताल में सिस्टर मीना और सिस्टर योगिता भी थीं। कैसे वह खौफनाक मंजर शुरू हुआ, किस तरह स्थिति संभालने की कोशिश की, आज भी सिहर जाता है मन। पाञ्चजन्य के मुंबई संकल्प कार्यक्रम में दोनों पीड़ितों ने सुनाई उन खौफनाक पलों की कहानी
वह खौफनाक मंजर, जब कसाब सामने था

ह 26/11 की रात थी। जिनकी जीवन यात्रा समाप्त हो गई, वे तो अपने पीछे आंसुओं का सैलाब छोड़ गए। जिन्होंने मौत का वह भयानक मंजर अपनी आंखों से देखा, कल की सुबह देखेंगे कि नहीं, परिजन, मित्र सब छूटते हुए लग रहे थे, आतंकवादियों से आमना-सामना हुआ, और सौभाग्यशाली रहे कि बच गए, वे आज भी उन पलों को याद कर सदमे में डूब जाते हैं। पाञ्चजन्य के आयोजन मुंबई संकल्प के एक सत्र में जब 26/11 की रात कॉमा अस्पताल में कार्यरत दो सिस्टर ने अपने वार्ड की कहानी और अनभव सुनाए तो उनका गला भर आया और हॉल में बैठे लोगों की आंखें गीली हो गईं। चौदह साल पूरे नहीं पड़े उस खौफ को भुलाने में, उस भयावहता के असर को मन-मस्तिष्क से हटाने में। 

सत्र संचालिका तृप्ति श्रीवास्तव ने जब कॉमा अस्पताल की सिस्टर इंचार्ज मीना जाधव से उस रात के बारे में पूछा तो बताते बताते मीना जी का गला रुंध गया।

मम्मी तुम नाइट ड्यूटी मत जाओ

मीना जाधव ने बताया कि 'उस दिन मेरी नाइट ड्यूटी थी। रोज की तरह मैं ड्यूटी पर पहुंचीं। चौथी मंजिल पर अपने वार्ड में पहुंच कर नियमित कामकाज में तल्लीन हो गई । रात नौ - साढ़े नौ बजे पटाखों की आवाज आई। देवदीपावली के आसपास का समय था । तो मान लिया कि पटाखे छोड़े जा रहे होंगे। लेकिन आवाज कुछ अलग थी, लगा कि फैफैंसी पटाखे होंगे। कुछ मरीज अपनी पास की खिड़कियों से बाहर झांकने लगे तो नीचे लोग भागते-दौड़ते दिखे। उन्होंने बताया कि लोग भाग रहे हैं। मैंने मरीजों से तनाव न लेते हुए सोने को कह दिया। 

Diese Geschichte stammt aus der December 11, 2022-Ausgabe von Panchjanya.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der December 11, 2022-Ausgabe von Panchjanya.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS PANCHJANYAAlle anzeigen
शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
Panchjanya

शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता

रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे

time-read
2 Minuten  |
March 12, 2023
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
Panchjanya

शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!

वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !

time-read
2 Minuten  |
March 12, 2023
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
Panchjanya

कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की

कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे

time-read
3 Minuten  |
March 12, 2023
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
Panchjanya

फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा

अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है

time-read
3 Minuten  |
March 12, 2023
होली का रंग तो बनारस में जमता था
Panchjanya

होली का रंग तो बनारस में जमता था

होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश

time-read
3 Minuten  |
March 12, 2023
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
Panchjanya

आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन

भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है

time-read
4 Minuten  |
March 12, 2023
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
Panchjanya

नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा

नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

time-read
3 Minuten  |
March 12, 2023
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
Panchjanya

सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल

त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा

time-read
4 Minuten  |
March 12, 2023
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
Panchjanya

जीवनशैली ठीक तो सब ठीक

कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया

time-read
5 Minuten  |
March 12, 2023
नाकाम किए मिशनरी
Panchjanya

नाकाम किए मिशनरी

भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई

time-read
2 Minuten  |
March 12, 2023