‘आपातकाल में मेरे पास से 'पाञ्चजन्य' बरामद हुआ'
Panchjanya|December 11, 2022
महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी ने 'मुंबई संकल्प' कार्यक्रम में मुंबई हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उस त्रासदी की पीड़ा केवल मुंबई की नहीं, पूरे भारत की है। कार्यक्रम के बाद उन्होंने दिनेश मानसेरा से हुई बातचीत में पाञ्चजन्य के साथ अपने अनुभवों को भी साझा किया
‘आपातकाल में मेरे पास से 'पाञ्चजन्य' बरामद हुआ'

पाञ्चजन्य के मुंबई संकल्प कार्यक्रम के समापन समारोह को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने संबोधित किया। उन्होंने मुंबई हमले में मारे गए लोगों और प्राण न्योछावर करने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को देश के लिए आवश्यक बताया।

उन्होंने 26/11 के बलिदानियों और उन परिवारों को, जिन्होंने उस पीड़ा को सहन किया, उनके साथ अपनी संवेदना भी जताई। उन्होंने कहा कि वैसे तो पीड़ा केवल उन परिवारों की नहीं है, वह पीड़ा सारे भारतवासियों की है। दुनिया भर में जो भी शांति चाहता है, अमन चाहता है, ऐसे सब लोगों की पीड़ा है। मनुष्य की स्मृति कमजोर है, हम भूल जाते हैं। लेकिन हम उसको भूले नहीं। हम ऐसी घटनाओं को याद इसलिए नहीं करते कि हम कमजोर हैं। हम ऐसी घटनाओं को इसलिए याद करते हैं कि देखो हमने उसका मुकाबला कैसे किया और आगे भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना हो ही नहीं, उसके लिए हम हर तरह से तैयार हैं। इसके लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम लोग यह संकल्प लेते हैं कि यह काम केवल सरकार का नहीं, जनता और सरकार, दोनों को मिलकर लड़ना होगा। यह संकल्प केवल मुंबई का संकल्प नहीं है, यह मुंबई के माध्यम से पूरे देश का संकल्प है।

संवाद का माध्यम पाञ्चजन्य

Diese Geschichte stammt aus der December 11, 2022-Ausgabe von Panchjanya.

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