एक कवि हृदय राजनेता
Panchjanya|December 25, 2022
मेरे और अटल जी के बीच संबंधों में कभी स्पर्धा की भावना नहीं रही। कभी-कभी हम दोनों के विचार अलग-अलग रहे हैं। लेकिन हमने कभी ऐसे मतभेदों को बढ़ावा नहीं दिया, जिससे परस्पर विश्वास और आदर का मूल्य कम हो
लाल कृष्ण आडवाणी
एक कवि हृदय राजनेता

यदि मुझे ऐसे किसी एक व्यक्ति का नाम लेना हो, जो प्रारंभ से अब तक मेरे पूरे राजनीतिक जीवन का अंतरंग हिस्सा रहे, जो लगभग पचास वर्ष तक इस पार्टी में मेरे सहयोगी रहे तथा जिनका नेतृत्व मैंने सदैव निःसंकोच भाव से स्वीकार किया तो वह नाम 'अटल बिहारी वाजपेयी' का होगा। अनेक राजनीतिक पर्यवेक्षक यह पाते हैं कि विरले ही स्वतंत्र भारत के राजनीतिक इतिहास में, राजनीतिक क्षेत्र में दो प्रभावशाली व्यक्तियों के बीच इतनी घनिष्ठ मैत्री का समतुल्य उदाहरण मिलता हो, जिन्होंने एक ही संगठन में इतने लंबे समय तक भागीदारी की इतनी उत्कट भावना के साथ मिलकर काम किया हो।

पहला प्रभावः चिरस्थायी प्रभाव

मैं पहली बार 1952 के उत्तरार्ध में अटल जी से मिला था। भारतीय जनसंघ के युवा सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में वे राजस्थान में कोटा से गुजर रहे थे। वहां मैं संघ प्रचारक था। उन दिनों वे डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के राजनीतिक सचिव थे। उनमें आदर्शवाद की भावना कूट-कूटकर भरी हुई थी। उनके चारों ओर एक कवि का प्रभामंडल व्याप्त था, जिससे नियति ने राजनीति की ओर प्रवृत्त कर दिया। उनके भीतर कुछ सुलग रहा था और इस अग्नि की त उनके मुखमंडल पर छाई हुई थी। उस समय उनकी आयु 27-28 वर्ष रही होगी। इस पहली यात्रा के अंत में मैंने स्वयं से कहा कि यह असाधारण युवक है तथा मुझे इसके बारे में जानना चाहिए।

1948 में अटल जी राष्ट्रवादी साप्ताहिक पत्र 'पाञ्चजन्य' के संस्थापक संपादक बने। मेरे जैसे किसी व्यक्ति के लिए, जिसने अभी हाल ही में हिंदी सीखी थी, 'पाञ्चजन्य' भाषा के नैसर्गिक सौंदर्य तथा शुद्धता का अनुभव कराने के लिए उपयोगी माध्यम रहा। इस पत्र में देशभक्ति की प्रेरणा देने की अद्भुत क्षमता थी।

कुछ समय बाद अटल जी राजस्थान दौरे पर आए। मैं पूरी यात्रा में उनके साथ रहा। उनका अनूठा व्यक्तित्व, असाधारण भाषण शैली, उनका हिंदी भाषा पर अधिकार तथा वाक- चातुर्य और विनोदपूर्ण तरीके से गंभीर राजनीतिक मुद्दों को प्रभावशाली ढंग से मुखरित करने की क्षमता - इन सभी गुणों का मुझ पर गहरा प्रभाव पड़ा। मैंने अनुभव किया कि वे नियति पुरुष एवं ऐसे नेता हैं, जिसे एक दिन भारत का नेतृत्व करना चाहिए।

लंबी राजनीतिक यात्रा के सहयात्री

Diese Geschichte stammt aus der December 25, 2022-Ausgabe von Panchjanya.

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