कैसे करें पूजा? जो आपके लिए हो लाभकारी!
Jyotish Sagar|July 2023
दक्षिणावर्ती शंख जिस घर में होता है, उसमें साक्षात् लक्ष्मी का निवास होता है। वहाँ मंगल ही मंगल होते हैं। पूजा स्थान पर दो शंख नहीं होने चाहिए।
आचार्य तुषार जोशी
कैसे करें पूजा? जो आपके लिए हो लाभकारी!

स भागती-दौड़ती जिन्दगी में सब-कुछ अनिश्चित है। कुछ भी निश्चित नहीं है। हमारे प्रत्येक क्रियाकलापों का असर हमारे जीवन पर अवश्य दिखाई देता है। जीवन का एक भाग मजबूत करने के लिए हम भगवान् की शरण में जाते हैं, क्योंकि वही एकमात्र ऐसी जगह है, जहाँ जाकर जीवन में निश्चिन्तता एवं शान्ति मिलती है, जहाँ जाकर इस भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में मन को आराम मिलता है।

भगवान् की शरण में जाने के लिए तमाम तरीकों से भगवान् की पूजाउपासना की जाती है। भगवान् की पूजा-उपासना करना ही इस कलियुग में भगवान् से जुड़ने का एक माध्यम है। इसी माध्यम से एक भक्त अपनी आवाज प्रभु तक पहुँचा सकता है। हालाँकि हमें भगवान् की पूजा-उपासना करते समय हमें कुछ सावधानियाँ भी बरतना अनिवार्य है। 

● भगवान् की पूजा-आराधना ब्रह्ममुहूर्त में अथवा सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के दौरान करना अत्यन्त शुभ होता है। पूजा हमेशा पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओ मुख करके करनी चाहिए।

● कोई भी काम करने से पहले जिस प्रकार उसकी तैयारी करना बहुत ही जरूरी होता है, उसी प्रकार पूजा की तैयारी करना भी बहुत जरूरी होता है। इसलिए पूजा करने से पूर्व सर्वप्रथम पूजास्थल की साफ-सफाई करनी चाहिए।

● भगवान् को अर्पित किए गए फूल, अगरबत्ती तथा धूपबत्ती की राख को एक स्थान पर एकत्रित करके रख देनी चाहिए अथवा इन्हें किसी पौधे के गमले में डाल देना चाहिए। इन्हें इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए, क्योंकि इनके अन्दर एक पॉजिटिव एनर्जी होती है।

● पूजा करने से पहले स्नान करना बेहद जरूरी होता है। पूजा के दौरान तन और मन का स्वच्छ होना बहुत जरूरी होता है। अगर कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी है, तो उन्हें स्नान न करके हाथपैर और सिर को धो लेना चाहिए। उसके बाद ही पूजा करनी चाहिए।

Diese Geschichte stammt aus der July 2023-Ausgabe von Jyotish Sagar.

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