सफल स्त्रीरोग विशेषज्ञा वह है जिस के मरीज उस से अपनी पारिवारिक समस्याएं, जीवनसाथी के साथ अपनी यौन समस्या व पतिपत्नी संबंधों आदि विषयों पर भी बातचीत कर सकें.
सैक्सुअल ऐजुकेशन ऐंड पेरैंटहुड के लिए 'वर्ल्ड एसोसिएशन औफ हैल्थ ऐंड काउंसिल' भी बनी हुई है क्योंकि यह यौनविज्ञान की समस्या हर जगह, हर नर्सिंगहोम में एक ही छत के नीचे यौन और प्रजनन दोनों की जानकारी मिलनी चाहिए.
सैक्सुअल मैडिसिन में यौन समस्याओं के साथ सभी निजी समस्याओं पर बातचीत जरूरी है. लोगों को बिना झिझक अपनी निजी समस्याओं पर बात करने का मौका मिलना चाहिए ताकि वे जानें कि उन की यौन समस्याएं भी दूसरी बीमारियों की ही तरह हैं जो शरीर से जुड़ी होने के कारण कष्ट देती हैं. यौन समस्याओं को प्राइवेट या गंदा समझना गलत है.
जांचें व उपचार
आजकल प्रसूति में नएनए आविष्कार हो रहे हैं और इन के बहुत लाभ हैं. अन्य सभी क्षेत्रों की तरह अब प्रसूति विज्ञान और स्त्रीरोग विज्ञान में भी तकनीकी उन्नति देखी जा सकती है. उत्तम दवाएं, नई मैडिकल मशीनें जांच करने व लैबोरटरी इनवैस्टीगेशंस में मददगार हैं. गर्भावस्था की नाजुक स्थितियों जैसे मधुमेह ब्लड प्रैशर आदि में तकनीक में नई उन्नति की सहायता से बच्चे को बचा सकते हैं.
न्यू बौर्न इंटैंसिव केयर यूनिट हर नर्सिंगहोम में होनी जरूरी है. 800, 900 ग्राम वजन वाले जन्मे बच्चों को भी बचाना अब संभव है.
कुछ कारणों से कई दंपतियों को बच्चा नहीं हो पाता. मगर अब नए मैडिकल आविष्कारों के द्वारा उन की सहायता करने के कई मौके मिलते हैं. अब कई तरह की जांचें व उपचार किए जा सकते हैं.
यदि नए साधनों से भी उन की प्रैगनैंसी न हो पाए या चांस कम नजर आएं तो डोनर सीमन, डोनर अंडे देने वालों और सैरोगेट मदर के द्वारा सहायता कराई जा सकती है.
अच्छी सलाह क्यों जरूरी
डाक्टर कुछ दंपतियों की मदद नहीं कर पाते तो उन के मन से बच्चा गोद लेने के प्रति गलत धारणा को निकाल कर उन्हें बच्चा गोद लेने की सलाह दी जाती है.
हालांकि हमारे कानून बहुत सख्त हैं जिस वजह से बच्चा गोद लेने सालों तक इंतजार करते हैं. कई तो अब खरीदते तक हैं. इस से वे मातृत्व व पितृत्व का सुखद एहसास पाते हैं और बच्चे को भी अच्छा जीवन मिल जाता है.
Diese Geschichte stammt aus der August First 2022-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.
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