टैक्नोलौजी सेहत पर भारी तो नहीं
Grihshobha - Hindi|January Second 2023
क्या आप को पता है कि रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली ये चीजें आप की सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं...
नसीम अंसारी कोचर
टैक्नोलौजी सेहत पर भारी तो नहीं

मतौर पर देखा जाता है कि गांव की औरतों की तुलना में शहर की औरतें ज्यादा सुंदरसलोनी और कमनीय होती हैं. उन की स्किन साफ और चमकदार होती है. इस की वजह है ब्यूटीपार्लर की सुविधा और कौस्मैटिक्स का इस्तेमाल, जो गांव की औरतों को उपलब्ध नहीं होता. लेकिन शहरी औरतों की शारीरिक ताकत और इम्यूनिटी गांव की औरतों के मुकाबले काफी कम होती है.

गांव की औरतों को बीमारियां भी शहरी औरतों की अपेक्षा कम होती हैं. बड़ी बीमारी प्रसव या मासिक से जुड़ी होती है. साधारण सर्दीबुखार तो घरेलू दवा जैसे काढ़े आदि के प्रयोग से ही ठीक हो जाता है. मगर शहर की औरतों को तनाव, ब्लड प्रैशर, सांस फूलना, हृदय रोग, अथ्रराइटिस, स्किन प्रौब्लम, बाल झड़ना, अवसाद जैसी तमाम तकलीफें बहुत कम उम्र में ही शुरू हो जाती हैं, उन के रोजमर्रा के जीव को तबाह कर देती हैं.

राधिका एक मध्यवर्गीय परिवार की बहू है. उम्र 29 साल है. शादी को 6 साल हो चुके हैं. उन का एक 4 साल का बेटा है जो अब स्कूल जाने लगा है. यह एक अच्छा खातापीता परिवार है. जरूरत की सभी चीजें घर में हैं. कामवाली भी लगी है.

बीते 2 महीनों से राधिका को महसूस हो रहा है कि अपने फ्लोर की सीढ़ियां चढ़ते हुए उस की सांस चढ़ने लगी है. छत पर जाती है तो दिल की धड़कन बढ़ जाती है और हलक सूख जाता है. उस ने अपना वजन नापा तो पहले से 10 किलोग्राम बढ़ चुका था. राधिका चिंतित हो उठी. सांस का फूलना यकीनन बढ़ते वजन के कारण है, इसे किसी भी तरह कम करना होगा यह सोच कर राधिका ने कामवाली की छुट्टी कर दी. सोचा अब घर का झाड़पोंछा, बरतन वह स्वयं करेगी. इस से उस का बढ़ा हुआ वजन कम हो जाएगा और रोजाना अच्छी वर्जिश हो जाएगी.

मशीनों के सहारे जिंदगी

राधिका ने सुबह जल्दी उठ कर झाड़पोंछा शुरू किया, लेकिन यह उस के लिए आसान नहीं था. घर में झाडू लगाने में राधिका को 15 मिनट का समय लगा. मगर इन 15 मिनट में झुकेझुके उस की कमर में दर्द हो गया. कामवाली जिस तरह आराम से उंकडू बैठ कर पोंछा लगाती थी वैसे तो राधिका बैठ ही नहीं पाई. फिर उस ने खड़ेखड़े पैरों से ही पोंछा लगाया. आधे घंटे के काम के बाद वह निढाल हो कर बिस्तर पर पड़ गई. उस दिन नाश्ता और लंच उस की सास को बनाना पड़ा.

Diese Geschichte stammt aus der January Second 2023-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der January Second 2023-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS GRIHSHOBHA - HINDIAlle anzeigen
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
Grihshobha - Hindi

स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी

इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....

time-read
5 Minuten  |
November Second 2024
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
Grihshobha - Hindi

लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर

फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....

time-read
5 Minuten  |
November Second 2024
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
Grihshobha - Hindi

समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....

time-read
2 Minuten  |
November Second 2024
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
Grihshobha - Hindi

पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं

मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...

time-read
3 Minuten  |
November Second 2024
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
Grihshobha - Hindi

पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस

जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....

time-read
5 Minuten  |
November Second 2024
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
Grihshobha - Hindi

औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी

औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....

time-read
3 Minuten  |
November Second 2024
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
Grihshobha - Hindi

क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर

क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....

time-read
4 Minuten  |
November Second 2024
जब मन हो मंचिंग का
Grihshobha - Hindi

जब मन हो मंचिंग का

फ़ूड रेसिपीज

time-read
4 Minuten  |
November Second 2024
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
Grihshobha - Hindi

सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी

अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....

time-read
3 Minuten  |
November Second 2024
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
Grihshobha - Hindi

डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता

पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....

time-read
2 Minuten  |
November Second 2024