अच्छे स्वास्थ्य के लिए धूप में बैठना जरूरी अ है. हम सर्दियों में अकसर शरीर को धूप लगाने के लिए घंटों धूप में बैठते हैं. गरमियों में भी सुबहसुबह धूप में बैठने की कोशिश करते हैं यानी यह सच है कि धूप सेहत के लिए अच्छी है. इस से विटामिन डी मिलता है, साथ ही धूप शरीर में ऊर्जा का संचार करती है. मगर याद रखें धूप में ज्यादा देर बैठने से त्वचा को कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं.
दरअसल, सूर्य द्वारा पराबैगनी यानी यूवी किरणों का उत्सर्जन होता है. ये किरणें शरीर के लिए कई तरह से लाभकारी हैं. इन से शरीर में विटामिन डी का निर्माण होता है, हड्डियां मजबूत होती हैं, लेकिन ये किरणें त्वचा से संबंधित कुछ परेशानियां भी पैदा कर सकती हैं.
यूवी किरणों के 2 प्रमुख रूप यूवीए और यूवीबी हैं. यूवीए और यूवीबी दोनों ही तरह की किरणों से त्वचा को नुकसान हो सकता है.
यूवीए किरणें त्वचा की गहरी परतों को प्रभावित करती हैं और यूवीबी किरणें त्वचा की सतही परतों को प्रभावित करती हैं. त्वचा पर यूवी किरणों के बहुत से नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं मसलन:
टैनिंग: सूर्य के संपर्क में आने पर त्वचा का रंग बदलने लगता है. त्वचा झुलसी हुई सी दिखती है. रंग सांवला होने लगता है. त्वचा पर गहरे रंग के पैच भी पड़ सकते हैं जो बिना ट्रीटमैंट के दूर नहीं होते हैं. चेहरे की रौनक छिन जाती है और झांइयां हो सकती हैं.
सनबर्न: सूर्य के लंबे समय तक संपर्क में आने पर त्वचा पर छाले पड़ जाते हैं, साथ ही लाललाल धब्बे भी बनने लगते हैं जिन में खुजली भी हो सकती है. इसे सनबर्न कहते हैं.
ऐजिंग: त्वचा के नीचे कोलोजन और इलास्टिन में डैमेज या कमी के कारण स्किन ऐजिंग होने लगती है. इस से फाइन लाइंस और झुर्रियां आने लगती हैं. यूवी किरणें सीधे कोलोजन और इलास्टिन के स्तर को प्रभावित करती हैं.
त्वचा कैंसर: स्किन कैंसर जेनेटिक भी हो सकता है, मगर यह सन डैमेज की वजह से भी हो सकता है.
Diese Geschichte stammt aus der April First 2023-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.
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