लड़की है कठपुतली नहीं
Grihshobha - Hindi|July Second 2023
कहने को हम आधुनिक हैं मगर परंपरा और संस्कार के नाम पर बेड़ियों का बोझ बेटियां ही क्यों उठा रही हैं, जान कर हैरान रह जाएंगे आप...
प्रियंका यादव
लड़की है कठपुतली नहीं

क्रौप टौप काफी ट्रेंड में है. यह पहनने पर कूल फीलिंग देते हैं. इतना ही नहीं ये सैक्सी भी लगते हैं. लेकिन कई घरों में लड़कियों के क्रॉप टॉप पहनने पर पाबंदी होती है. जो लोग क्रौप टौप पहनने के विरोध में हैं, उन का कहना है क्रॉप टॉप अश्लीलता को बढ़ावा देता है. इस में कमर दिखती है. क्रौप टौप बनाने वाली कंपनियां अपनी बिक्री के लिए लड़कियों को बिगाड़ रही हैं.

क्रौप टौप अश्लीलता को बढ़ावा नहीं देते. इस विषय पर जाग्रति राय अपना एक ऐक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहती हैं, “मैं 20 साल की हूं. एक दिन मैं क्रौप टौप और जींस पहन सोफे पर बैठ कर टीवी देख रही थी. तभी मेरे पापा आए और गुस्से में मुझ से बोले कि जाग्रति यह तुम ने किस तरह के कपड़े पहने हुए हैं? जाओ जा कर कपड़े बदलो. क्या तुम्हें कपड़े पहनने की जरा भी अकल नहीं है? अब तुम बड़ी हो गई हो. लगता है बाहर जा कर तुम ज्यादा ही बिगड़ गई हो. मुझे तुम्हारा बाहर जाना बंद करना पड़ेगा. तभी तुम्हें अकल आएगी. पापा को इतने गुस्से में देख कर मैं डर गई. मैं ने कपड़े तो बदल लिए लेकिन मैं अपने कमरे से बाहर नहीं आई."

जाग्रति के पापा सुरेंद्र राय का उस पर गुस्सा करने का कारण था जाग्रति का क्रौप टौप पहनना. वे लड़कियों के छोटे कपड़े पहनने के सख्त खिलाफ हैं.

कपड़े पहने पर बेशर्मी क्यों

क्या मौडर्न कपड़े पहनना बेशर्मी की निशानी है ? इस पर जाग्रति कहती हैं, "क्रौप टौप पहनना बेशर्मी नहीं है. यह बिलकुल ब्लाउज की तरह होता है. बस फर्क यह है कि ब्लाउज साड़ी के साथ पहना जाता है और क्रौप टौप जींस, स्कर्ट, शौर्ट्स, प्लाजो के साथ पहना जाता है."

Diese Geschichte stammt aus der July Second 2023-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.

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