कोरोनाकाल के बाद हैल्थ इंश्योरेंस के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है. जागरूकता बढ़ने के साथसाथ अब लोग यह भी जानना चाहते हैं कि उन के हैल्थ बीमा में क्या कवर होगा और क्या नहीं.
आइए, जानते हैं हैल्थ बीमा लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
इंश्योरेंस सलाहकार का कहना है, "मैडिक्लेम पौलिसी को ले कर अधिकतर लोगों की यही धारणा होती है कि मैं तो स्वस्थ हूं, इसलिए मुझे इस की क्या आवश्यकता? लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि बीमारी और दुर्घटना कभी किसी को बता कर नहीं आती. बढ़ती महंगाई में अच्छे इलाज का खर्च या किसी दुर्घटना के शिकार हो जाने पर इलाज के लिए बड़ी रकम का इंतजाम कर पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता. ऐसे समय में हैल्थ पौलिसी काफी सहायक होती है."
मैडिक्लेम पॉलिसी कंपसेशन सिद्धांत पर आधारित है, स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत पौलिसी लेने के एक निश्चित समय के बाद पौलिसी धारक के किसी गंभीर बीमारी या दुर्घटना का शिकार होने पर बीमा कंपनी उसे हौस्पिटलाइजेशन बैनिफिट या सर्जिकल बैनिफिट उपलब्ध कराती है. बीमाधारक के 24 घंटे से अधिक हौस्पिटल में भरती रहने पर बीमा कंपनी उस के इलाज का खर्च उठाती है. मैडिक्लेम पौलिसी के नियम व शर्तों के अनुरूप बीमाधारक को ली गई पौलिसी के अनुरूप प्रीमियम भरना पड़ता है.
कई मैडिक्लेम पौलिसियों में महिलाओं के लिए सुविधाजनक प्लान उपलब्ध हैं, जैसे मैटरनिटी खर्च के बीमा की सुविधा. गर्भधारण के दौरान होने वाले सभी चैकअप और प्रसव का खर्च पौलिसी के अंतर्गत कवर होता है. लेकिन यह ध्यान रखें कि यह सुविधा हर पौलिसी में उपलब्ध नहीं है. इस के अलावा कई हैल्थ पौलिसीज में साल में 1 बार या 2 साल में 1 बार हैल्थ चैकअप की सुविधा भी मिलती है. हैल्थ चैकअप की सुविधा केवल पौलिसी धारक को ही मिलेगी. कुछ फैमिली फ्लोटर पॉलिसीज में यह सुविधा पूरे परिवार के लिए है.
Diese Geschichte stammt aus der February Second 2024-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.
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