यूटूरस रिमूव करने की जरूरत क्यों
Grihshobha - Hindi|April First 2024
एक महिला के शरीर में यूटरस कितना जरूरी है यह बताने की जरूरत भले न हो, लेकिन जब यह दर्द और तड़पने का कारण बन जाए तो फिर क्या करना चाहिए...
प्रियंका यादव
यूटूरस रिमूव करने की जरूरत क्यों

काया 26 साल की है. वह फुटबाल खेलते समय असहनीय दर्द के कारण मैदान में ही गिर गई. उसे आननफानन में हौस्पिटल ले जाया गया. डाक्टर ने उस की जांच की जांच में पता चला कि काया की पीरियड्स की ओवर ब्लीडिंग और दर्द से यह हालत हुई है. उस की हालत देख कर हौस्पिटल की गायनोकोलॉजिस्ट डाक्टर ने उस के यूटरस को रिमूव करने की सलाह दी. काया अनमैरिड थी, इसलिए यूटरस रिमूव कराना इस उम्र और स्थिति में एक बोल्ड स्टैप था. लेकिन हैल्थ को देखते हुए काया और उस के पैरेंट्स ने यूटरस रिमूव कराना ही सही समझा.

वहीं दूसरी स्थिति नई दिल्ली के विकासपुरी इलाके में रहने वाली 34 साल की अंकिता श्रीवास्तव की है. वह बताती है, “कई दिनों से मुझे बारबार टॉयलेट जाने का प्रैशर महसूस होता था लेकिन यूरिन नहीं आता था. प्राइवेट पार्ट में जलन भी होती थी. जब हौस्पिटल जा कर डाक्टर को दिखाया तो ओवेरियन कैंसर निकला. यह सुनने के बाद मैं अंदर से टूट चुकी थी. मेरा 1 बेटा है. मैं फिर से मां बनाना चाहती थी लेकिन इस बीमारी ने मेरे सपनों पर पानी फेर दिया.

मैं अपना यूटरस नहीं निकलवाना चाहती थी. लेकिन मेरे हसबैंड ने मुझे समझाया कि तुम्हारी हैल्थ हमारे बच्चे से ज्यादा जरूरी है और बच्चा तो हम सरोगेसी के जरीए या फिर गोद भी ले सकते हैं. हसबैंड की बातें सुन कर मैं ने यूटरस रिमूव करवाने का फैसला किया. यूटरस रिमूव कराने के बाद मेरी समस्या का समाधान हो गया."

डाक्टरों की सलाह

फेमस वोग मैगजीन में 2018 में अमेरिकन ऐक्टर, कौमेडियन और पौप कल्चर आइकोन लीना डनहम ने एक आर्टिकल लिखा. यह आर्टिकल उन के यूटरस निकलवाने के बारे में था. 31 साल की उम्र में वे ऐंडोमिट्रिओसिस से पीड़ित थी और तेज दर्द ने उन्हें बेसुध सा कर दिया था. उनके डाक्टरों ने यूटरस को निकालने की सलाह दी. कुछ और डाक्टरों की सलाह लेने के बाद उन्होंने अंत में यूटरस निकलवा ही दिया.

सोसाइटी में यूटरस रिमूव कराने को ले कर कई तरह ही धारणाएं बनी हुई हैं, जिन में सब से आम धारणा यह है कि एक औरत तभी पूरी है जब वह बच्चे को जन्म दे सके. ऐसे में महिला के शरीर में यूटरस कितना जरूरी है, यह बताने की जरूरत बिलकुल नहीं है, लेकिन जब यह दर्द और तड़पने का कारण बन जाए तो इसे निकलवा देना ही बेहतर होता है.

Diese Geschichte stammt aus der April First 2024-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.

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