केंद्र सरकार के पशुपालन मंत्रालय ने 13 मार्च को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खतरनाक नस्ल के रूप में चिह्नित किए गए कुत्तों जिन में पिटबुल टेरियर, साउथ रसियन शेफर्ड और अमेरिकन बुलडौग समेत 23 खतरनाक नस्ल के कुत्तों के आयात, प्रजनन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया था. केंद्र ने राज्यों को खत लिख कर कहा था कि लोकल प्रशासन इन डौग्स की बिक्री और ब्रीडिंग के लिए लाइसैंस न जारी करे. इन ब्रीड्स के जो डौग्स पाले जा रहे हैं उन्हें स्टरलाइज कर दिया जाए ताकि आगे ब्रीडिंग को रोका जा सके. केंद्र सरकार के अनुसार इन कुत्तों की वजह से पशु कल्याण संस्थाएं और आम लोग परेशान होते हैं.
हालांकि कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस बैन से इनकार किया और कहा कि इस तरह का सर्कुलर जारी करने से सरकार को पहले पालतू जानवरों के मालिकों और संबंधित संगठनों से परामर्श किया जाना चाहिए था और अगर ये पालतू जानवर किसी को नुकसान पहुंचाते हैं तो उस के लिए मालिक जिम्मेदार हैं.
राज्य और केंद्र सरकार के बीच इस मतभेद पर जाने के बजाय हम इस मुद्दे पर जरा गहराई से विचार करते हैं. देखा जाए तो केंद्र सरकार के इस फैसले की वजह हाल ही में बढ़ रहे डौग अटैक्स के मामले हैं.
11 मार्च, 2024 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक पिटबुल ने 2 साल के बच्चे पर हमला कर उसे घायल कर दिया.
मालिक पर हमला
अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के हिसार में पिटबुल ने एक युवती पर हमला कर दिया. युवती को पेट, पैर और शरीर के अन्य हिस्सों पर काटा. युवती जमीन पर गिर गई तो पिटबुल ने उस के बाल मुंह में पकड़ कर उसे घसीटा. पड़ोस के लोगों ने मुश्किल से युवती की जान बचाई.
जुलाई, 2023 में हरियाणा के हिसार में एक महिला को पिटबुल ने काट लिया. कुत्ते ने 5 मिनट तक महिला की टांग को अपने जबड़े में जकड़े रखा. 2 व्यक्तियों ने बड़ी मशक्कत के बाद उसे छुड़ाया और कुत्ते को काबू किया.
जुलाई 2023 में ही उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक गांव में पिटबुल ने अपने मालिक पर ही हमला कर दिया. हमले में मालिक गंभीर रूप से घायल हो गया. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मेरा ही पाला हुआ कुत्ता मेरे ऊपर हमला कर देगा.
Diese Geschichte stammt aus der May Second 2024-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.
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