पूजापाठ नहीं ऐसे बनाएं सफल जिंदगी
Grihshobha - Hindi|June Second 2024
सुखदुख हर किसी के जीवन का हिस्सा होते हैं. मगर दुख के समय तथाकथित भगवान के आगे सिर फोड़ने से अलग क्या करें कि आप की जिंदगी खुशहाल रहे, एक बार जानिए जरूर....
गरिमा पंकज
पूजापाठ नहीं ऐसे बनाएं सफल जिंदगी

तिपत्नी हो या प्रेमीप्रेमिका, इस तरह के रोमांटिक और दिल से जुड़े रिश्तों के लिए ठहाके और खुशमिजाजी जैसी स्वभावगत विशेषताएं बहुत माने रखती हैं. जिंदादिल खुशमिजाज पार्टनर के साथ जिंदगी तनावरहित गुजरती है.

फिर भला ऐसे पार्टनर को कौन छोड़ना चाहेगा? ऐसे पार्टनर के साथ इंसान चाह कर भी झगड़ नहीं सकता. बस प्यार कर सकता है. जिंदादिली सिर्फ हैल्दी रिलेशनशिप के लिए ही नहीं बल्कि हैल्दी लाइफ के लिए भी जरूरी है.

2018 में 'रिसर्च इन पर्सनैलिटी जर्नल' में प्रकाशित मार्टिन लूथर विश्वविद्यालय हेले विटेनबर्ग के मनोवैज्ञानिकों की एक शोध रिपोर्ट सामने आया था कि खुशनुमा माहौल और हंसी, रोमांटिक रिश्तों को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. किसी भी रिश्ते में दोनों साथी जब एक ही तरह खुल कर हंसते हैं तो उन का रिश्ता ज्यादा मजबूत होता है. वहीं जो लोग हंसने से डरते हैं या हंसी का पात्र बनने से डरते हैं वे किसी भी रिश्ते में कम खुश रहते हैं जिस का असर अपने पार्टनर के साथ भावनात्मक रिश्तों और शारीरिक रिश्तों पर भी पड़ता है.

हंसीमजाक और जिंदादिली किसी भी रिश्ते को मजबूत रखने के मूलमंत्र हैं. रिश्तों को ले कर किए गए विभिन्न शोध तथा विशेषज्ञों की राय भी यही है कि जहां रिश्तों में ठहाके और मुसकराहटें होती हैं, मजाकमस्ती होती है तथा खुशमिजाजी और खुलापन होता है उन रिश्तों की नींव न सिर्फ मजबूत होती है बल्कि ऐसे रिश्तों में समस्याएं तथा तनाव भी ज्यादा समय तक टिक नहीं पाता है.

जब हम तनाव में होते हैं तो हमें अकसर ऐसा लगता है कि इस स्थिति पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है और हम असहाय महसूस करते हैं. लेकिन जब हम हंसते हैं तो हमें लगता है कि हम इसे संभाल सकते हैं. प्रयास करें तो सब फिर से अच्छा हो जाएगा. पार्टनर भी जब इसी भाव के साथ आप का हाथ पकड़ता है तो आप हर मुश्किल और चुनौती को पार कर जाते हैं. इस से आप का रिश्ता और भी ज्यादा गहरा हो जाता है.

रिश्तों में खुशमिजाजी क्यों जरूरी

Diese Geschichte stammt aus der June Second 2024-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der June Second 2024-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS GRIHSHOBHA - HINDIAlle anzeigen
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
Grihshobha - Hindi

स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी

इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....

time-read
5 Minuten  |
November Second 2024
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
Grihshobha - Hindi

लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर

फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....

time-read
5 Minuten  |
November Second 2024
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
Grihshobha - Hindi

समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....

time-read
2 Minuten  |
November Second 2024
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
Grihshobha - Hindi

पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं

मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...

time-read
3 Minuten  |
November Second 2024
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
Grihshobha - Hindi

पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस

जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....

time-read
5 Minuten  |
November Second 2024
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
Grihshobha - Hindi

औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी

औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....

time-read
3 Minuten  |
November Second 2024
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
Grihshobha - Hindi

क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर

क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....

time-read
4 Minuten  |
November Second 2024
जब मन हो मंचिंग का
Grihshobha - Hindi

जब मन हो मंचिंग का

फ़ूड रेसिपीज

time-read
4 Minuten  |
November Second 2024
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
Grihshobha - Hindi

सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी

अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....

time-read
3 Minuten  |
November Second 2024
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
Grihshobha - Hindi

डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता

पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....

time-read
2 Minuten  |
November Second 2024