"शेफाली आजकल तू बहुत चुपचुप और बुझीबुझी रहने लगी है. क्या कोई प्रॉब्लम है?" शेफाली की बैस्ट फ्रैंड नवविवाहिता मनदीप ने पूछा.
"नहीं-नहीं, ऐसी कोई बात नहीं."
"मैं मान ही नहीं सकती, कुछ तो है जो तुझे परेशान कर रहा है. तू अब वैसे नहीं चहकती जैसे पहले चहकती थी. हर समय गुमसुम, खोईखोई रहती है. वह पहले वाली बातबात पर हंसने वाली, ठहाके लगाने वाली मेरी दोस्त तो तू रही ही नहीं है तू अब बता न आखिर बात क्या है? आखिर मैं तेरी बैस्ट फ्रैंड हूं. कोई इश्क विश्क का स्यापा तो नहीं पाल लिया तूने गुपचुप?"
मनदीप ने शेफाली को तनिक और कुरेदा ही था कि वह फट पड़ी, "अरे यार, यही तो रोना है कि ऐसा कोई स्यापा जान को नहीं लगाया. अभी मेरी पीएचडी का पहला ही साल है कि दादी पापा के पीछे हाथ धो कर पड़ गई हैं मेरा रिश्ता करवाने के लिए. मगर मैं अभी इस के लिए बिलकुल तैयार नहीं हूं.
"सो मैं ने पापा और दादी से साफसाफ कह दिया है कि पहले मैं अपनी पीएचडी पूरी करूंगी, फिर किसी अच्छी जौब में लगूंगी. उस के बाद ही शादी करूंगी. मैं शादी से पहले हर हाल में अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हूं. बस इसी बात पर पापा और दादी घर में हर वक्त तांडव मचाए रहते हैं."
"सही है यार, शादी के बाद तो युवतियों पर इतनी जिम्मेदारियां आ जाती हैं कि वे बस अपने लिए कुछ सोच ही नहीं सकतीं. मुझे देख, मेरी कितनी इच्छा थी कि ग्रैजुएशन के बाद मैं इंटीरियर डिजाइनिंग की पढ़ाई कर के इंटीरियर डिजाइनर बनूं. इंडिपेंडेंट बनूं, मेरी एक अपनी पहचान हो लेकिन पापा के हार्ट पेशैंट होने की वजह से मुझे महज 23 साल की उम्र में शादी करनी पड़ी.
"अब तो जिंदगी बस घरगृहस्थी, चौकेचूल्हे तक सिमट कर रह गई है. हस्बैंड महीने के 20 दिन घर से बाहर रहते हैं तो मुझे ही घरबाहर देखना पड़ता है. बुजुर्ग सासससुर भी साथ ही रहते हैं, उन की देखभाल का जिम्मा भी मेरे ही ऊपर है. सो मैं तो तुझे हरगिज राय नहीं दूंगी कि तू इतनी जल्दी शादी के फंदे में फंसे. सब से इंपोर्टेंट, सैल्फडिपेंडेंट होना जरूरी है. अरे यार, जिंदगी एक बार मिलती है.
"शादी बस इसलिए मत कर कि शादी की उम्र हो गई. मैं तो अपने अनुभव से यह सीखी हूं कि शादी आप को तभी करनी चाहिए जब आप उस के लिए मानसिक रूप से तैयार हों."
Diese Geschichte stammt aus der July Second 2024-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der July Second 2024-Ausgabe von Grihshobha - Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....