
इसका अपमान पूरे देश का अपमान माना जाता है। प्रत्येक देश में राष्ट्रध्वज के प्रयोग के लिए संहिता बनी होती है। भारत में भी राष्ट्रध्वज के सम्मान के लिए 'राष्ट्रध्वज संहिता' बनी हुई है जिसमें राष्ट्रध्यक्ष बनाने तथा उसके प्रयोग के नियम बताए गए हैं। हमारे देश के नियम के अनुसार राष्ट्रध्वज सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता है। रात्रि के समय राष्ट्रध्वज स्तम्भ से उतार लिया जाता है। इसे ध्वजावतरण कहते हैं। राष्ट्रीय दिवसों (स्वाधीनता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयन्ती आदि) पर सभी नागरिक निर्बाध रूप से नियमानुसार राष्ट्रध्वज फहरा सकते हैं किन्तु ऐसे अवसरों पर भी नागरिकों को कार या वाहनों पर राष्ट्रध्वज लगाने की अनुमति नहीं है।
यदि शासन कभी किसी राष्ट्रीय पर्व को शोक दिवस घोषित कर राष्ट्रध्वज के अर्द्ध-अवतरण का आदेश जारी करता है तो केवल उसी भवन का ध्वज अर्द्धअवतरित किया जा सकता है, जहां शव रखा होता है, अन्य स्थानों पर ध्वज पूर्ण आरोहित रहता है। राष्ट्रीय शोक दिवसों पर सरकार के विशेष आदेशानुसार सभी सार्वजनिक स्थानों से राष्ट्रध्वज स्तंभ पर आधा उतार लिया जाता है।
अन्य देशों के राष्ट्रीय ध्वजों अथवा संयुक्त राष्ट्रीय ध्वजों अथवा संयुक्त राष्ट्रसंघ के ध्वज के साथ सीधी पंक्ति में यदि भारतीय राष्ट्रध्वज प्रदर्शित करना हो तो, भारतीय राष्ट्रध्वज दाएं सिरे पर होना चाहिए, अन्य देशों के ध्वज भारतीय ध्वज के क्रमश: बायीं और अंग्रेजी वर्णक्रम के अनुसार प्रदर्शित होने चाहिए।
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