
उन्होंने आयोजन की योजना और आलोचना समेत तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बातचीत की शुरुआत में ही इस भव्य धार्मिक समागम को एकता और अनुशासन का जीवंत प्रमाण बताया. उनका कहना था कि कैसे महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए जुटी भीड़ ने अमीर-गरीब और उच्च जाति-निम्न जाति जैसे भेदभाव को पूरी तरह मिटा दिया. उन्होंने कहा, "तथाकथित सेकुलर लोग आरोप लगाते हैं कि सनातन परंपरा में जाति-पंथ के आधार पर भेदभाव है. लेकिन महाकुंभ ने इस पर रोक लगा दी क्योंकि हर किसी ने उसी संगम में स्नान किया... कुंभ ने एकता का संदेश दिया, और यह हर कोई देख सकता था."
महाकुंभ की सफलता से बेहद प्रसन्न प्रतीत होते मुख्यमंत्री ने इसके पीछे की व्यापक योजना के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि कैसे प्रशासन ने 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने के अनुमान के मद्देनजर योजना तैयार की थी लेकिन संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई.
This story is from the March 26, 2025 edition of India Today Hindi.
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