संविधान भारत के स्वधर्म की अभिव्यक्ति है

यहां संविधान शब्द के दो मायने हो सकते हैं। अंग्रेजी में कॉन्सटिट्यूशन शब्द दो अर्थ रखता है। पहला, संविधान नामक दस्तावेज, और दूसरा गहरी राजनैतिक संरचना यानी सामाजिकराजनैतिक-आर्थिक शक्तियों की बुनावट। शुरू में संविधान के रूपक का इस्तेमाल करते वक्त मेरे मन में संविधान का पहला अर्थ था। अब जब पलट कर देखता हूं तो महसूस होता है कि दूसरे और गहरे अर्थ में भी इस चुनाव में संविधान दांव पर था।
भारत के संविधान से खिलवाड़ करने की भाजपा की नीयत का सवाल इस चुनाव में उठा, काफी उछला और भाजपा के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। सच यह है कि भाजपा लाख सफाई दे ले, लेकिन इस बात से इनकार करना संभव नहीं है कि 26 नवंबर 1949 को तैयार हुए संविधान से संघ परिवार को बुनियादी दिक्कत रही है। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र और उस जमाने के बयानों में अनेक बार जाहिर होती है, जिसमें संघ से जुड़े विचारकों और नेताओं ने भारतीय संविधान को महज पश्चिम की नकल, भारतीय सनातन सभ्यता के नकार के रूप में पेश किया। तब से लेकर आज तक संविधान के बारे में पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की बातों में यही इशारा मिलता है। इस बात को कौन भूल सकता है कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान संविधान की समीक्षा के लिए आयोग बनाया गया। हालांकि जस्टिस वेंकटचलैया के चलते उन्हें मन माफिक रिपोर्ट नहीं मिल पाई। सच यह है कि तब के सरसंघचालक के.सी. सुदर्शन ने उसके बाद भी संविधान की समीक्षा की बात दोहराई थी।
This story is from the September 02, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the September 02, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In

जंग आई, फटाफट करो कमाई
लड़ाई शुरू हुई नहीं कि बॉलीवुड और फिल्म उद्योग की जैसे बांछें खिल उठती हैं, हर बार की तरह इस बार भी लालच ठाठे मारने लगा

बड़े ब्रांड की विदाई
टेस्ट क्रिकेट में अपना अलग मुकाम हासिल करने वाले किंग कोहली के संन्यास के फैसले से उपजे खालीपन को भरना आसान नहीं

ड्राइंग रूम जनरल
व्हॉट्सऐप योद्धा और उन्मादी मीडिया की धमाल ने ड्राइंग रूम में ही पैदा कर दिए सैन्य विशेषज्ञ

कौन-सी जीवन बीमा पॉलिसी लें*
टर्म इंश्योरेंस आपके परिवार और आश्रितों के लिए सुरक्षा कवच है, मगर जोखिम उठाने की क्षमता और जरूरतों के मुताबिक पुराने प्लान या यूलिप पर कर सकते हैं विचार

परदे पर उन्माद की अफीम
चार दिन की लड़ाई का टीवी स्टूडियो और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेसिर-पैर की फर्जी खबरों का ऐसा कोलाहल दिखा, जो पहले कभी नहीं देखा गया

माउंट आबू
सूर्य की स्वर्णिम किरणों से नहाई, मेघों से लिपटी अरावली की गोद में स्थित है, राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन माउंट आबू। यह पर्वतीय स्थल प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रहा है।

आंचलिक आख्यान के उर्वर विचार
जगदम्बा की जमीन बिहार है । लेकिन इसमें समाज, राजनीति, आर्थिकी के परंपरागत और बदलते रूपों का विशद चित्रण है, जो इसे क्षेत्र के दायरे और स्त्रीपुरुष के वितान से काफी आगे ले जाता है

तबाही के मंजर
चार दिन की लड़ाई में भारी गोलाबारी से एलओसी के आसपास के गांवों में बर्बादी की मौके से रिपोर्ट

नशे पर नकेल कसेगा कौन
पाकिस्तान से ड्रोन से हथियार और ड्रग्स बरसने का सिलसिला जारी, आप सरकार नशा मुक्ति यात्रा के जरिए सियासत साधने की राह पर

खिलाड़ियों के कप्तान का जाना
हिटमैन रोहित शर्मा बतौर कप्तान ड्रेसिंग रूम में तनाव घटाने, संवाद कायम करने और पिच पर जोरदार प्रदर्शन के लिए हमेशा याद किए जाएंगे