विवाह बाजार में आमद

शादी के लिए लड़कालड़की ही चाहिए, इस भुलावे में न रहिए। पहले भरपूर पैसे का इंतजाम कर लीजिए, क्योंकि अब तो यह एक बाजार है और दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ता कारोबार। जैसे-जैसे तड़क-भड़क से शादी का नशा तारी होता जा रहा है, बाजार भी तेजी से बढ़ा है। अब देश में शादी का बाजार लगभग 10.7 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के मुताबिक शादी भारत का चौथा सबसे बड़ा उद्योग है। खपत की श्रेणी में यह खानपान की चीजों और सब्जी-भाजी के बाद दूसरे स्थान पर आ चुका है। शादी के कारोबार के ऊपर टेंट हाउस, बैंक्वेट हॉल से लेकर बैंड-बाजे, खानसामे, परिवहन, गहने और परिधान का उद्योग कितना टिका होगा, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिल्ली में नवंबर के दूसरे पखवाड़े में साढ़े चार लाख शादियां हुई हैं और हर शादी में शाहखर्ची।
अर्थव्यवस्था को मिला सहारा
शादी का कारोबार स्थानीय आर्थिक परिवेश में मौसमी रोजगार सृजन के लिए बूस्टर की तरह है ही, देश की सुस्त रफ्तार वाली अर्थव्यवस्था में भी जान डाल रहा है। इसीलिए देश की सबसे तेजी से बढ़ती वेडिंग ईवेंट कंपनी आरजीटी इवेंट्स के संस्थापक रोहित गुप्ता के मुताबिक, "शादी उद्योग का आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में बड़ा हाथ है। शादियों के कारण कपड़े, गहने के साथ अन्य कई उत्पादों की भारी मांग होती है। इसके साथ ही यह सेवा और खुदरा क्षेत्र में भी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। छोटे व्यवसायियों और खुदरा विक्रेताओं को भी इससे लाभ होता है क्योंकि ग्राहक बड़ी संख्या में सजावट, कपड़े, गहने की दुकानों और विविध विक्रेताओं की ओर आकर्षित होते हैं।" तो, यह भारी बरोजगार दर से त्रस्त देश में रोजगार भी मुहैया कराने का बहाना बन रहा है।
This story is from the December 23, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the December 23, 2024 edition of Outlook Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In

जंग आई, फटाफट करो कमाई
लड़ाई शुरू हुई नहीं कि बॉलीवुड और फिल्म उद्योग की जैसे बांछें खिल उठती हैं, हर बार की तरह इस बार भी लालच ठाठे मारने लगा

बड़े ब्रांड की विदाई
टेस्ट क्रिकेट में अपना अलग मुकाम हासिल करने वाले किंग कोहली के संन्यास के फैसले से उपजे खालीपन को भरना आसान नहीं

ड्राइंग रूम जनरल
व्हॉट्सऐप योद्धा और उन्मादी मीडिया की धमाल ने ड्राइंग रूम में ही पैदा कर दिए सैन्य विशेषज्ञ

कौन-सी जीवन बीमा पॉलिसी लें*
टर्म इंश्योरेंस आपके परिवार और आश्रितों के लिए सुरक्षा कवच है, मगर जोखिम उठाने की क्षमता और जरूरतों के मुताबिक पुराने प्लान या यूलिप पर कर सकते हैं विचार

परदे पर उन्माद की अफीम
चार दिन की लड़ाई का टीवी स्टूडियो और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बेसिर-पैर की फर्जी खबरों का ऐसा कोलाहल दिखा, जो पहले कभी नहीं देखा गया

माउंट आबू
सूर्य की स्वर्णिम किरणों से नहाई, मेघों से लिपटी अरावली की गोद में स्थित है, राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन माउंट आबू। यह पर्वतीय स्थल प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रहा है।

आंचलिक आख्यान के उर्वर विचार
जगदम्बा की जमीन बिहार है । लेकिन इसमें समाज, राजनीति, आर्थिकी के परंपरागत और बदलते रूपों का विशद चित्रण है, जो इसे क्षेत्र के दायरे और स्त्रीपुरुष के वितान से काफी आगे ले जाता है

तबाही के मंजर
चार दिन की लड़ाई में भारी गोलाबारी से एलओसी के आसपास के गांवों में बर्बादी की मौके से रिपोर्ट

नशे पर नकेल कसेगा कौन
पाकिस्तान से ड्रोन से हथियार और ड्रग्स बरसने का सिलसिला जारी, आप सरकार नशा मुक्ति यात्रा के जरिए सियासत साधने की राह पर

खिलाड़ियों के कप्तान का जाना
हिटमैन रोहित शर्मा बतौर कप्तान ड्रेसिंग रूम में तनाव घटाने, संवाद कायम करने और पिच पर जोरदार प्रदर्शन के लिए हमेशा याद किए जाएंगे